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पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द, राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों से ली फीडबैक

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना के कारण पंचायत चुनाव में काफी देरी हो चुकी है. राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव को बीते मई महीने में कराने वाला था. इसे लेकर सारी तैयारियां भी हो चुकी थी. लेकिन अचानक कोरोना के दूसरे लहर ने लोगों को घरों में बंद होने पर विवश कर दिया. जिसके बाद अब यह चुनाव आने वाले कुछ महीनों में संपन्न करा ली जा सकती है. इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों के सभी जिलाधिकारियों से बातचीत की है. उनसे फीडबैक लिया है. ताकि चुनाव का ऐलान किया जा सके.

जानकारी अनुसार शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरी में आम चुनाव तैयारियों को लेकर सभी जिला निर्वाचित पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. जिला निर्वाचन पदाधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अगले पखवाड़े कभी भी पंचायत चुनाव की घोषणा का संकेत दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद द्वारा शनिवार को सभी जिलों के निर्वाचित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 अगस्त तक वे हर हाल में पंचायत चुनाव संबंधित सारी तैयारियां पूरी कर ले.

निर्वाचन आयुक्त ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को आगाह किया कि जिन जिलों में ईवीएम का नंबर एक ही मैच कर रहा है, उसे  3 दिनों के भीतर सुधार करें. राज्य निर्वाचन आयोग ने जिन जिलों में आरक्षण को लेकर अभी तक अंतिम तौर पर त्रुटि में सुधार नहीं हो पाया है उनको एक सप्ताह के अंदर इस तरह की गलतियों को दुरुस्त कर लेने का निर्देश दिया. जिलों को यह कहा गया है कि पिछली बैठक में जो प्रतिवेदन तैयार किया गया है उसको समय पर अपलोड करा दिया जाए. साथ ही यह भी कहा गया है कि अलग-अलग राज्यों से जो ईवीएम मंगाए गए हैं उनका अलग-अलग भंडारण भी सुनिश्चित किया जाए.

भंडारण के पहले ईवीएम जिस राज्य से मंगाया गया है उस राज्य का स्टीकर चिपकाना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि वापसी में किसी तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आए. साथ ही अगर किसी राज्य से प्राप्त ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी है तो डिफेक्टिव का स्टीकर उस ईवीएम पर चिपका देने का निर्देश दिया गया है. बता दें इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचित पदाधिकारियों को ईवीएम की फर्स्ट लेवल जांच कराने का निर्देश दिया था. इसके तहत जिला प्रशासन की विशेष निगरानी में ईवीएम का फर्स्ट लेवल जांच किया जाएगा. संबंधित ईवीएम निर्माता कंपनियों के इंजीनियर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर सभी जिलों में जाकर जांच करेंगे.

ईवीएम की जांच के दौरान प्रशासन के अतिरिक्त उक्त क्षेत्र के प्रमुख संभावित प्रत्याशियों को भी आमंत्रित किया जाएगा. पंचायत चुनाव में इस्तेमाल होने वाले सभी 1 लाख 88 हजार ईवीएम की फर्स्ट लेवल जांच की जाएगी. 20 अगस्त तक सभी जिलों में फर्स्ट लेवल जांच की प्रक्रिया हर हाल में पूरी कर लेनी होगी. इसके लिए सभी जिलों को आयोग द्वारा जरूरी हिदायतें जारी कर दी गई हैं.

गौरतलब है राज्य के पंचायत चुनाव में चार पदों मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य के लिए ईवीएम के माध्यम मतदान होना निर्धारित है. जबकि शेष दो पदों पंच व सरपंच के चुनाव के लिए बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव होगा. हालांकि अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लेकर हलचल तेज है. मुखिया सरपंच बनने की चाहत रखने वाले ज्यादातर युवा देखे जा रहे हैं. उन्हें समाज सेवा में रूचि है या पैसे में ये तो पता नहीं लेकिन युवा जिस तरह से इसे देख रहे हैं उससे साफ़ लगता है कि शायद वे गांवों का कायाकल्प जरुर करेंगे.

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