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“विशेष” : अंतरिम बजट में लगाये गए कई मास्टर स्ट्रोक

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“विशेष” : अंतरिम बजट में लगाये गए कई मास्टर स्ट्रोक

सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़,राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी को मिली हार के बाद एनडीए को जनता पर डोरे डालने के लिए बहुत जतन करने की जरूरत है. हांलांकि हरियाणा के जींद लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत किसी संजीवनी से कम नहीं है. पाँच दशक में पहली बार यहाँ कमल खिला है ।सरकार के पास जनता को लुभाने के लिए आज का अंतरिम बजट था ।वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज शुक्रवार को मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश किया ।सरकार ने इतिहास रचते हुए इस अंतरिम बजट में कई मास्टर स्ट्रोक लगाए हैं ।सबसे खुशी माध्यमवर्गीय परिवारों के लिए है. सरकार ने आयकर छूट सीमा ढ़ाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है. यही नहीं त्राहिमाम करते किसानों के खाते में अब 6000 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे. आइए इस बजट की सबसे खास चीन,किसान हित की चर्चा सबसे पहले करते हैं.

किसानों के खाते में आएंगे 6000 रुपए

सरकार ने छोटे एवं सीमान्त किसानों को राहत देने के लिए उन्हें 6,000 सालाना की न्यूनतम वार्षिक आय देने की योजना बनाई है ।वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 का बजट पेश करते हुए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (प्रधानमंत्री किसान योजना) की घोषणा की ।इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम जोत वाले खेतिहर किसानों को मिलेगा ।इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उनके बैंक खाते में प्रदान की जाएगी । यह राशि उन्हें दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में दी जाएगी । गौरतलब है कि पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी.

किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज सहायता

कृषि क्षेत्र में संकट से निपटने के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए दो प्रतिशत की ब्याज सहायता की घोषणा की है जबकि समय पर ऋण भुगतान के लिए उन्हें तीन प्रतिशत अधिक सहायता की पेशकश की गई है । उन्होंने पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों के लिए भी दो प्रतिशत की ब्याज सहायता की घोषणा की है ।प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे किसानों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता और समय पर कर्ज पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अधिक सहायता अलग से मिलेगी ।

श्रमिकों को हर महीने 3000 रुपए पेंशन

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करने के दौरान ‘प्रधानमंत्री योगदान श्रम योगी मानधन’ योजना की घोषणा की है ।इस योजना के तहत असंगठिक क्षेत्र के मजदूरों को 3,000 रुपये प्रतिमाह की निश्चित पेंशन दी जाएगी ।लोकसभा में साल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते समय गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है ।इस योजना के तहत श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी. श्रमिकों को इस योजना के लिए प्रति माह 100 रुपये का योगदान देना होगा.

मोदी सरकार ने बजट के अंतिम ओवर में छक्कों की बौछार की,लगा खुशियों का अंबार

मध्यमवर्गीय परिवार पर मोदी सरकार काफी मेहरबान हुई है. बजट में टैक्स छूट को दोगुना कर दिया गया है. मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है ।इसके अलावा मानक कटौती की सीमा को भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 करने का भी प्रस्ताव किया है ।श्री गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा ।हांलांकि इस आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा ।40 हजार मासिक आमदनी पर मध्यमवर्गीय परिवार को कोई टैक्स नहीं लगेगा ।वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ब्याज से होने वाली आय के स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) की सीमा सालाना 10 हजार रुपये बढ़ाकर 40 हजार रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया है ।उन्होंने 2019-20 का अंतरिम बजट लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि इससे उन वरिष्ठ लोगों तथा छोटे जमाकर्ताओं को फायदा होगा,जो बैंकों एवं डाकघरों की जमाराशि के ब्याज पर निर्भर करते हैं ।अभी तक ये जमाकर्ता 10 हजार रुपये प्रति वर्ष तक की ब्याज आय पर कटे कर का रिफंड मांग सकते थे.
कुलमिलाकर यह अंतरिम बजट लोक लुभावन बजट है. इस बजट में जनता का आशीर्वाद वोट के रूप में मील,उसके सारे तराशे हुए प्रयास शामिल हैं ।बजट में और भी बहुत कुछ है जिससे आमलोगों के साथ-साथ किसानों को भरपूर फायदे हैं ।आखिर में हम यह जरूर कहेंगे कि यह अंतरिम बजट आम हित को देखते हुए लाया गया है ।इस बजट पर “बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना” की तर्ज पर राजनीतिक टिप्पणी निसन्देह बेमानी होगी.

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

 

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