सिटी पोस्ट लाइव :एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान के लगातार हमले से नीतीश कुमार परेशान हैं.चिराग पासवान ने जेडीयू के हर सीट पर अपना उम्मीदवार उतारकर नीतीश कुमार को संकट में डाल दिया है .चिराग पासवान नीतीश कुमार पर 15 सालों में बिहार को रसातल में पहुंचा देने का आरोप लगा रहे हैं.वो दावे कर रहे हैं कि अब आगे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बन सकते.अगली सरकार बीजेपी-एलजेपी की बनेगी.लेकिन चिराग पासवान का ये नीतीश विरोध उनके चाचा एलजेपी सांसद पशुपति पारस को ही नहीं भा रहा है. रामविलास पासवान के छोटे भाई और एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस अब खुलकर नीतीश कुमार के समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि वे अभी राजनीति की बात करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन 20 तारीख के बाद मैं राजनीति पर खुले मन से बात करूंगा. हमारा दो डिमांड है जिसे पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे. हमारी मांग है कि बिहार सरकार एक प्रस्ताव भेजें की रामविलास पासवान को भारत रत्न की उपाधि मिले. मैं इस इश्यू पर नीतीश कुमार को पत्र लिखूंगा और जाकर मिलूंगा भी, मेरा उनसे कोई राजनीतिक दुर्भावना नहीं,वे तो हमारे बड़े भाई हैं.
चिराग पासवान के चाचा और लोजपा सांसद पारस ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में काम करने का बहुत अच्छा अनुभव था. अब किस परिस्थिति में लोजपा अलग हुई है इसके बारे में हम 20 तारीख के बाद बताऊंगा, लेकिन आज भी मेरा उनके साथ अच्छा संबंध है.हम नीतीश कुमार से मिलने जरूर जाऊंगा. उसे मिलकर आग्रह करेंगे कि प्रधानमंत्री से रामविलास पासवान को भारत रत्न दिये जाने को लेकर पत्र भेजें. पारस का दूसरा डिमांड यह है कि 12 जनपथ को पासवान के नाम पर राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए.
लोजपा सांसद ने कहा कि, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में वो काम कर चुके हैं. नीतीश जी के काम करने का तरीका हमें बहुत अच्छा लगा. वे हमेशा विकास की बात करते थे.उन्होंने कहा कि अब इतना बड़ा स्टेट है कहीं ना कहीं कुछ कमी हो जाती है. हम उनको देखे हैं, वह काफी विकास की बात करते थे. नीतीश कुमार तो विकास की बातें चौबीसो घण्टे करते थे. कैबिनेट में भी वे सिर्फ विकास की बातें करते थे. मंत्रियों के साथ वे सिर्फ विकास की ही बाते करते थे, उनमें कहीं कोई कमी नहीं है. चिराग की तरफ से नीतीश कुमार पर सवाल उठाने पर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हम राजनीति पर बातें 20 अक्टूबर के बाद करेंगे.लेकिन अपना अनुभव बताते हैं कि बिहार में विकास हुआ है, कम हुआ है या अधिक हुआ लेकिन हुआ.जाहिर है चिराग की झोपडी में भी चिंगारी लग चुकी है और 20 अक्टूबर के बाद वो आग का रूप धारण कर सकती है.
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