सिटी पोस्ट लाइव: शेखपुरा जिले में आये दिन स्वास्थ्य विभाग की एक से बढ़कर एक लापरवाही देखने को मिल रहा है. ताजा मामला जिले के अरियरि प्रखण्ड क्षेत्र के तेलडीह गांव का है. जहां के निवासी गौतम कुमार ने अपनी मां का शेखपुरा सदर अस्पताल में 14 तारीख को कोरोना जांच करवाया था. जांच के बाद उन्हें तीन दिन में रिपोर्ट देने की बात कही गयी थी. लेकिन छः दिन बीत गया है और युवक रिपोर्ट के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहा है.
पीड़ित गौतम कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि मेरे माता जी का जांच 14 तारीख को शेखपूरा सदर अस्पताल में हुआ था. जिसके बाद मैंने स्वास्थ्य कर्मी से जांच रिपोर्ट के बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि तीन दिन में रिपोर्ट मिल जाएगा. लेकिन, तीन दिन बजाय आज छ: दिन बीत जाने के बाद भी कोरोना रिपोर्ट नहीं मिला जो संक्रमित व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. वहीं जब इस मामले में सिविल सर्जन से बात किया गया तो बताया गया कि एनएमसीएच से ही रिपोर्ट आने में विलंब होती है जिसकी बजह से हमलोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री को भी इस पूरे मामले से अवगत कराया जा चुका है. लेकिन, सुधार अब तक नहीं हो सका है. गौरतलब हो कि, पिछले कुछ दिनों के आंकड़े में स्वास्थ्य विभाग का इस कोरोना काल में लापरवाही चरम सीमा पर है. बताते चलें कि, अहले सुबह छठ घाट नदी में डूबकर एक बच्चे को घायल अवस्था मे सदर अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टर के नदारद होने की वजह से इलाज के अभाव में बच्चे ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा है और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कार्रवाई की भी मांग की गयी है. बहरहाल, पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और शेखपूरा स्वास्थ्य विभाग के लचर रवैये के कारण लोगों को जान से हाथ धोने तक की नौबत आ गयी है.
शेखपुरा से धीरज सिन्हा की रिपोर्ट
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