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बिहार में शीत लहर का ‘कहर, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और निमोनिया के बढ़े मरीज.

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बिहार में शीत लहर का ‘कहर, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और निमोनिया के बढ़े मरीज.

सिटी पोस्ट लाइव : लगातार गिरते तापमान और बढ़ती ठंड (Severe Cold) ने लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है.डॉक्टरों के अनुसार जो लोग  हृदय रोग (Heart Disease), हाइपरटेंशन (Hypertension) और डायबीटिज (Diabetes) से पीड़ित हैं उनके लिए  ये ठंड जानलेवा बनती जा रही है. हाड़ कंपा देनेवाली इस ठंड की वजह से अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ कई गुणा ज्यादा बढ़ गई है. आलम यह है कि ठंड की वजह से लोग निमोनिया (Pneumonia) ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) और हार्ट अटैक (Heart Attack) के शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज और दमा के मरीजों को भी खासी सावधानी बरतनी पड़ रही है.

बिहार में पिछले चार दिन से लगातार न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा रही है और लोगों को यदाकदा ही धूप का दर्शन हो रहा है. लगातार गिरते पारे की वजह से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इसका असर देखने को मिल रहा है. जबरदस्त ठंड की वजह से जहां पहले से बीमार मरीजों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं आम लोग भी ठिठुरन बढ़ने से बीमार पड़ने लगे हैं.

राजधानी पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस से लेकर न्यू गार्डिनर अस्पतालों में सबसे अधिक ‘कोल्ड अटैक’ के मरीज देखे जा रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार ठंड की वजह से खासकर जहां हाइपरटेंशन, डाइबीटिज के मरीजों में अचानक ब्लड शुगर बढ़ने लगा है वहीं बीपी में भी काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. निमोनिया और बीपी के मरीजों की संख्या भी इससे 25 प्रतिशत बढ़ गई है.ठंड में जैसे ही बीपी में बढ़ोतरी होती है तो हाइपरटेंशन का खतरा होने लगता है. यहां तक कि ब्रेन हेमरेज तक हो जाता है.

डॉक्टरों के अनुसार बच्चे हों या बुजुर्ग उन्हें गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए. सिर से लेकर पांव तक ढके होने चाहिए और वो किसी किस्म की लापरवाही बरतने पर जबरदस्त ठंड के मौसम में मॉर्निंग वॉक करने पर जान भी जा सकती है.डॉक्टरों के अनुसार फॉग ज्यादा होने से फॉग और पॉल्यूशन मिलकर स्मॉग बन जाता है जो काफी हानिकारक है. हाइपरटेंशन और डायबीटिज मरीजों को समय-समय पर ब्लड शुगर और बीपी चेक करानी चाहिए.

ठंड बढ़ने से बीपी, हाइपरटेंशन और निमोनिया के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. यह मौसम बुजुर्गों लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है क्योंकि चेस्ट इंफेक्शन की वजह से सीधे वो निमोनिया का शिकार हो रहे हैं. साथ ही हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में बुजुर्गों को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और शरीर को गर्म कपड़े से हमेशा ढक कर रखना चाहिए.

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