आसान नहीं है महागठबंधन में सीटों का बटवारा, अभी से शुरू हो चुकी है खींचतान
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सीटों के बटवारे को लेकर एनडीए- महागठबंधन दोनों तरफ घमशान मचा हुआ है. जेडीयू सीटों के बटवारे में हो रही देर से परेशान हैं. महागठबंधन में भी अभी से सीटों की अधिक से अधिक मांग शुरू हो जाने से आरजेडी परेशान है. वैसे आरजेडी और कांग्रेस दोनों को पता है कि अगर बिहार में मोदी और नीतीश से मुकाबला करना है तो विपक्षी एकता जरुरी है. आरजेडी कांग्रेस लेफ्ट के साथ-साथ सपा, बीएसप, एनसीपी के साथ भी गठबंधन करना चाहती है.लेकिन इतने दलों के बीच सीटों का बटवारा आसान कम नहीं है.
आरजेडी और कांग्रेस के साथ तालमेल की इच्छा रखने वाली पार्टियां अपने सीटों का दावा करने लगी है. आरजेडी और कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी ने सिर्फ कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. 28 सीट पर आरजेडी लड़ी थी और 12 सीटों पर कांग्रेस. हालांकि लेकिन गठबंधन के बावजूद मोदी लहर में कुल 6 सीटों पर सिमट गई थी. इसबार गठबंधन को आरजेडी-कांग्रेस मिलकर बड़ा रूप देना चाहते तो जरुर हैं लेकिन सीटों की ज्यादा दावेदारी ने आरजेडी को परेशानी में डाल दिया है.
अकेले बामपंथी पार्टियाँ लगभग 15 सीटों की मांग कर रही हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी हम 5, एनसीपी 1 सपा 1 और बीएसपी 1 सीट की मांग कर रही है. यानी बामपंथी दलों और दूसरी छोटी पार्टियों के खाते में ही दो दर्जन से ज्यादा सीटें चली जा रही हैं. ऐसे में मुश्किल से 16 से 17 सीटें ही आरजेडी-कांग्रेस के लिए बचती हैं.शरद यादव भी कम से कम 3 सीटें मांगेगें. दूसरी तरफ उपेन्द्र कुशवाहा को भी आरजेडी-कांग्रेस की तरफ से न्यौता दिया जा रहा है.
अगर सभी लेफ्ट पार्टियों और छोटे दल के लिए एक-एक सीट और मांझी और शरद यादव को 2-2 सीट के फार्मूला पर आरजेडी भी काम करती है तो भी लगभग 12 सीटें निकल जा रही हैं. अब देखना ये है कि कांग्रेस और आरजेडी कैसे और कब तक सीटों के गणित को सुलझा पाती हैं.
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