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वैज्ञानिकों ने बनाई नई कोरोना टेस्टिंग तकनीक, अब 36 मिनट में आएगा रिजल्ट

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के संक्रमण को रोकने का सबसे बड़ा जरिया कोरोना की टेस्टिंग है. टेस्टिंग सभी राज्यों के लिए चुनौती बनी हुई है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के लिए कम टेस्टिंग और परीक्षण के परिणाम में  होनेवाली देर को जिम्मेवार माना माना जा रहा है. लेकिन अब  सिंगापुर के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे सिर्फ जांच के 36 मिनट बाद पता लगाया जा सकता है कि मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं.

अभी जो  जांच हो रही है उसके रिजल्ट आने में कई घंटे लग जाते हैं. तब तक पॉजिटिव हो चुके व्यक्ति के संपर्क में आने से और भी लोग संक्रमित हो जाते हैं. इतना ही नहीं अभी के टेस्टिंग तकनीक में सही रिजल्ट के लिए उच्च प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की भी जरूरत होती है. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर सिंगापुर के विशेषज्ञों ने ऐसी तकनीक विकसित की, जिससे सिर्फ 36 मिनट में किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का पता लगाया जा सकता है. सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी  के मेडिसिन विशेषज्ञों ने नई टेस्टिंग की तकनीक को लेकर लैब्स को जांच में लगने वाले समय को कम से कम करने और सस्ता करने की तकनीक को लेकर कई सुझाव दिए हैं.

वैज्ञानिकों ने जिस नई तकनीक को जांच के लिए विकसित किया है उसका नाम  पोलीमरेज चेन रिएक्शन यानि पीसीआर है. इस तकनीक के जरिए  मशीन संदिग्ध में वायरल अनुवांशिक कणों को बार-बार से कॉपी कर उसकी जांच करता है ताकि सोर्स सीओवी 2 के किसी भी लक्षण का पता चल सके. इसके साथ ही आरएनए की जांच की जाती है जिसमें आमतौर पर सबसे अधिक समय लगता है. इसके बाद रोगी के सैंपल में अन्य घटकों से आरएनए को अलग कर पता लगाया जाता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं.इस नए जांच किट के आ जाने से जांच की रफ़्तार बहुत तेज हो सकती है.

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