सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत बिहार के छोटे स्कूलों की सूरत बदलने वाली है. अधिकारी उन सभी छोटे स्कूलों की पहचान कर लोगों से जानकारी इकट्टा करेंगे. जिसकी रिपोर्ट डीईओ को सौंपा जायेगा. जानकारी अनुसार दो दिन पूर्व ही शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने को लेकर समझ विकसित करने के लिए राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया था। इस एक दिनी मंथन के अंत में सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को अंत में सौंपे गये कई टास्कों में से एक छोटे स्कूलों की पहचान करना भी है.
जिसके तहत ऐसे स्कूलों को चिन्हित किये जाने के बाद डीईओ की टीम आस-पास के लोगों से बात कर यह भी जानने की कोशिश करेगी कि आखिर यहां कम बच्चों के नामांकन क्यों हैं? पड़ोस के दूसरे स्कूलों का भी जायजा लिया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सबसे महती जिम्मेवारी एनईपी को जमीन पर उतारने को लेकर कार्यक्रम प्रबंधन इकाई गठित करने की दी गई है। बता दें केंद्रीय शिक्षा नीति को कार्यान्वित करने के लिए गठित की जाने वाली प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट में एनजीओ और सिविल सोसाइटी को भी जोड़ने की अनुशंसा की गई है।
इसके आलोक में सभी डीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिले में कार्यरत ऐसे स्वयंसेवी संगठन और सामाजिक संस्थाओं से संवाद स्थापित कर सहयोगी मानसिकता विकसित करें. हर हाल में सिविल सोसाइटी का सहयोग उन्हें सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही बेहतर स्कूल कैंपस का भी डीईओ निरीक्षण करेंगे और शेष स्कूलों को भी उनके सरीखा बनाने की पहल होगी.
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