सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबन्ध है. जिसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने खनन को लेकर अनुमति दे दी है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि पूर्ण प्रतिबंध से सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है. साथ ही अदालत ने कहा कि बालू खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना जरूरी है।
जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाले तीन जजों की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि बिहार के सभी जिलों में खनन के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की कवायद नए सिरे से की जाएगी। बेंच ने कहा, ‘इस बात की भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जब वैध खनन पर रोक है तब अवैध खनन कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रहा है और नतीजतन रेत माफिया के बीच संघर्ष, अपराधीकरण और कई बार लोगों की जान जाने जैसे मामले सामने आते रहते हैं।’
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात से मना नहीं किया जा सकता कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और सरकारी व निजी निर्माण गतिविधियों के लिए बालू जरूरी है. इसलिए वैध खनन बहुत आवश्यक है. इससे अवैध खनन पर रोक लगेगी. वरना बदस्तूर अवैध खनन चलता रहेगा. लेकिन सरकारी खजाने में कुछ नहीं आने वाला.
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