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संजय जायसवाल ने दिल्ली पर लिखा बवाली ब्लॉग, ,फिर भी कहेंगे धर्मनिरपेक्षता खतरे में.

आतंकियों को बिरयानी खिलानेवाले को SC नेबनाया मध्यस्थ, एक हीं समाज के 13 लोगों का मर्डर .

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संजय जायसवाल ने दिल्ली पर लिखा बवाली ब्लॉग, ,फिर भी कहेंगे धर्मनिरपेक्षता खतरे में.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने अपने ब्लॉग के माध्यम से दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.संजय जायसवाल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि वजाहत हबीबुल्लाह के रिपोर्ट के बाद कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस जिम्मेवार है , दिल्ली जल रही है. अब वह यह भी कहेंगे कि सीएए के विरोध में शांतिपूर्ण ढंग से दुकान और घर जलाने वाले बेचारे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस परेशान कर रही है.हजरत बल मस्जिद में आतंकवादियों को बिरयानी और पकवान खिलाने वाले ऐसे व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ बनाकर भेजा है और इनकी रिपोर्ट की ज्वाला में 13 बहुसंख्यक समाज की हत्याएं की जा चुकी हैं.अभी न जाने कितने गली के नालियों से निकलेंगे.

वजाहत हबीबुल्लाह शीघ्र बोलेंगे कि पुलिस अत्याचार की यह पराकाष्ठा है की पुलिस अपने ऊपर खुद एसिड तक डाल लिया है और अब कह रही है कि जब गलियों से गुजरे तो उनके ऊपर एसिड की बोतलें फेंकी जा रही थीं. इन शांत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कोई कार्यवाही भी नहीं कर पाई है. आज से केजरीवाल, कम्युनिस्ट पार्टी, राहुल गांधी और ओवैसी जैसे नेता विधवा विलाप करेंगे कि इतनी कम हत्याओं के बाद बहुसंख्यक समाज सड़क पर क्यों निकल रहा है. हर हालत मे इन सबों को जेल में डालना चाहिए.बीजेपी अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि कुछ टीवी चैनल्स दिखायेंगे कि किस तरह से बेचारे कमजोर अल्पसंख्यक समाज पर पुलिस जबरन पकड़ पकड़ कर जेल में भीतर कर रही है.

संजय जायसवाल ने आगे लिखा है कि यह भी हो सकता है कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुख्यमंत्रियों की तरह वहां की पुलिस भी बराबर बराबर की अरेस्टिंग करे, जिससे कि भारत का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप सामने आ सके.हत्याएं कोई भी करो , दुकान कोई भी जलाओ पर जितने अल्पसंख्यक समाज के लोग पकड़े जाएंगे उतने ही बहुसंख्यक समाज के भी लोगों को पकड़ना होगा वरना यह पुलिस के जुल्म की इंतेहा होगी.वैसे जिन दिल्लीवासियों ने केवल 200 यूनिट मुफ्त बिजली के लिए वोट दिया है उनसे मेरा प्रश्न है कि यह मुफ्त सुविधा केवल घर के लिए है या इन 13 व्यक्तियों को विद्युत शवदाह गृह में भी मिलेगी?

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