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सीटों के बटवारे को लेकर एनडीए में घमाशान,रालोसपा नाराज, पासवान  के घर में सेंधमारी की तैयारी

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सिटी पोस्ट लाइव (सोमनाथ ): बिहार में लोकसभा सीटों के बटवारे की खबर सामने आते ही रालोसपा के सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा उखड गए हैं. उपेन्द्र कुशवाहा तो अभी चुप हैं लेकिन उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने ट्वीट कर सीट बंटवारे की खबर को भ्रामक करार दे दिया है.उन्होंने  कहा कि अगर रालोसपा की जानकारी के बिना ऐसा हुआ है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.जाहिर है रालोसपा को एनडीए के सिट बटवारे का यह फार्मूला मंजूर नहीं है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने ट्वीट कर कहा- “मैं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की तरफ से बहुत जिम्मेदारी के साथ यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अगर बीजेपी इस प्रकार के सीट बंटवारे के फार्मूला को अपनाना चाहती हैं तो हमारी पार्टी साफ़ हैं कि यह प्रस्ताव हमें यह बिल्कुल अस्वीकार हैं.”

आगे उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैं एनडीए के सभी घटक दलों से मांग करना चाहूंगा कि जल्द से जल्द सभी पार्टियों की बैठक हो और सीट के बंटवारे को लेकर एक लोकतांत्रिक चर्चा की जाए. मुझे लगता हैं कि रालोसपा आने वाले चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगी. माधव आनंद ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बिहार की एक मुख्य पार्टी हैं और सभी दल हमारे महत्व को समझ रहे हैं. आज मैं यह फिर से मांग करना चाहता हूं कि जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा लोकतांत्रिक और पारदर्शी तरीके से हो. जिससे सारी अफवाहों को विराम दिया जाए.

गौरतलब है कि मीडिया में गुरुवार की सुबह से ही बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए के बीच पहले से तय 20-20 फॉर्मूले के आधार पर सीटों के बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में होने की खबर चल रही है. गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी जीती हुई सीटों में दो सीट छोड़ेगी और सिर्फ 20 पर चुनाव लड़ेगी.बची 20 सीटों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड  12-14, रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी  5-6, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 2 और अरुण कुमार के जहानाबाद सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है.

गौरतलब है कि सिटी पोस्ट लाइव ने अमित शाह के बिहार दौरे के दौरान ही ये खुलासा कर दिया था कि जेडीयू को 15 सीटें और एलजेपी को 5 और रालोसपा को 2 और अरुण कुमार की नयी पार्टी को एक सीट मिल सकती है.गौरतलब है कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 22 पर उसे सफलता मिली थी.एलजेपी को सात में छह और रालोसपा ने सभी तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि बाद में रालोसपा सांसद अरुण कुमार बागी हो गए और कुशवाहा का साथ छोड़ दिया.

बीजेपी के लिए  दो सीट की कुर्बानी देना आसान है क्योंकि उसके दो सांसदों ने खुद अपनी पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से अपने को रेस से बाहर कर दिया है. दरभंगा से कीर्ति आजाद और पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का अब बीजेपी से कोई लेनादेना नहीं है. दोनों कांग्रेस से चुनाव लड़ेगें, ऐसा मानकर चला जा रहा है. दरभंगा से जेडीयू के संजय झा  चुनाव लड़ेंगे और पटना साहिब से नंदकिशोर यादव प्रबल दावेदार हैं.

12 जुलाई को अमित शाह और नीतीश कुमार की बंद कमरे में हुई बातचीत में इस पर भी सहमति बनी थी कि टिकट बंटवारे में उम्मीदवार के जीतने की संभावना ही सबसे बड़ी शर्त होगी. इस लिहाज से कई सीटों पर जेडीयू या बीजेपी के प्रत्याशी एक दूसरे के सिंबल पर भी चुनाव लड़ सकते हैं.

जेडीयू ने 17 से 18 सीटों की मांग की थी. ऐसा मन जा रहा है कि उसे बिहार में 14-से 15 सीटें मिल सकती हैं और झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी उसे एक-एक सीट देकर उसकी मांग को बीजेपी पूरा कर सकती है..सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ सीटें सहयोगियों के बीच अदला-बदली भी की जा सकती है. उपेंद्र कुशवाहा पर भी एनडीए की नजर है. अगर वो गठबंधन छोड़कर जाते हैं तो उनकी सीटें बीजेपी और जेडीयू में बंटेगीं. सिटी पोस्ट लाइव पहले ही यह खुलासा कर चूका है बेजीपी के कई सांसद के सीट बदले जा सकते हैं, जो बूढ़े बुजुर्ग हो चुके हैं, उन्हें बिठाया जा सकता है .अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पटना साहिब, नवादा, दरभंगा, बेगूसराय, वाल्मीकीनगर, मधुबनी और वैशाली में उम्मीदवार बदले जा सकते हैं. दरअसल, बीजेपी जेडीयू को नाराज कर देने का खतरा किसी भी कीमत पर मोल लेना नहीं चाहती क्योंकि उसके पास विधान सभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार से बढ़िया चेहरा उसके पास नहीं है और गठबंधन की राजनीति में नीतीश कुमार की भावी भूमिका का उसे अहशास है.

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