सूप के निशाने पर चलनी, दल-बदल की राजनीति के साथ RJD की नीयत से खलबली
सिटी पोस्ट लाइव : इस बार का बिहार लोकसभा चुनाव बेहद मजाक और बिना किसी सशक्त मकसद का दिख रहा है। चुनाव के घोषणा पूर्व महागठबन्धन की बनती तस्वीर ने एनडीए की नींद उड़ा दी थी लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह की राजनीतिक बाजीगरी ने महागठबन्धन के महात्म्य और उसके औचित्य की ही धज्जियां उड़ा कर रख दी। बिहार में महागठबन्धन,पूरी तरह से एनडीए का किट संभालते हुए दिख रहा है ।महागठबन्धन हर जीतने वाली सीट पर आईसे उम्मीदवार खड़े किए हैं जिससे लग रहा है कि जीत महागठबन्धन का मकसद ही नहीं है ।इसी कड़ी में कई बीजेपी, जदयू और राजद के बड़े नेता पार्टी छोड़ कर कुछ और गुल खिलाने की फिराक में हैं।
पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है ।इस्तीफे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा।था ।रेणु कुमारी कुशवाहा ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा था कि भाजपा में समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ यूज एंड थ्रो का व्यवहार किया जाता है ।भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने नेता और कार्यकर्ताओं से मिलने का समय तक नहीं रहता है ।पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका है ।रेणु कुमारी कुशवाहा ने आगे कहा था कि आज से ठीक पांच साल पहले मैं बिहार सरकार में मंत्री रहते हुए देश में नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे से विशेष रूप से प्रभावित होकर जदयू और मंत्री पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में अपने समर्थकों के साथ शामिल हुई थीं ।लेकिन इन पांच वर्षों में भाजपा नीत सरकार और नरेंद्र मोदी का चेहरा बेनकाब हो गया है ।रही सही कसर इस बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन ने पूरी कर दी है ।
उन्होंने कहा कि राज्य की बड़ी आबादी अल्पसंख्यक समाज और कुशवाहा समाज की है । लेकिन इन दोनों समुदायों को राज्य में टिकट से वंचित करके कैसे यह पार्टी सबका विकास करना चाहती है ?हां,यह बेहद खास बात और नंगा सच है कि सबका साथ तो ये ले लेते हैं और विकास किसी खास का करते हैं । उनके व्यवहार से मैं, हमारे समाज के लोग और साथी सहित सहयोगी काफी खिन्न और मर्माहत हैं ।इस असहज परिस्थिति में भाजपा में राजनीति नहीं हो सकती है ।फलत: अपने साथियों एवं समर्थकों के साथ वे भाजपा से त्याग पत्र दे रही हैं ।उन्होंने इस्तीफे की घोषणा के बाद कहा कि हम आगे की राजनीतिक रणनीति पुन: अपने साथियों के साथ बैठकर तय करेंगे ।रेणु कुमारी कुशवाहा के साथ इस्तीफा देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से 2014 में भाजपा के प्रत्याशी रहे विजय कुमार सिंह, भाजपा के वरीय नेता सह पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह कुशवाहा,भाजपा नेता उत्तम कुमार मेहता और पूर्व विधायक पूनम देवी हैं ।
इस मौके पर विजय कुमार सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि हाल के वर्षों में राजनीतिक पार्टियों की कुत्सित मानसिकता की वजह से लोकतंत्र अब पूरी तरह धनतंत्र और वंशवाद में तब्दील हो गया है । किसी भी पार्टी में निष्ठावान सांगठनिक कार्यकर्ताओं के भविष्य के बारे में नेताओं को कोई चिंता नहीं है ।रूपयों-पैसों की बदौलत टिकट वितरित किये जा रहे हैं ।सभी पार्टियों ने राजनीतिक लोकतंत्र का मखौल उड़ाया है और आम जनता एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ भद्दा मजाक किया है ।ऐसे में अब नई तरह की राजनीति की आवश्यकता हो गई है ।हमलोग निकट भविष्य में सभी दलों के स्वाभिमानी राजनैतिक कार्यकर्ताओं और हाशिए पर लुढ़के सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर नई राजनीतिक दशा तय करेंगे ।इतिहास साक्षी है कि बिहार से प्राचीन काल में भी कई तरह के आध्यात्मिक,राजनैतिक, सामाजिक,सांस्कृतिक,शैक्षणिक, आंदोलन की शुरूआत हुई है । फिर से वर्तमान राजनीतिक परिवेश में बिहार से ही नई दिशा का आगाज होगा ।
शरद यादव की पार्टी लोजद के नेताओं ने ली जनतांत्रिक विकास पार्टी की सदस्यता
शरद यादव के द्वारा लोजद पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को बिना कोई सूचना दिए मधेपुरा से लालटेन लेकर चुनावी मैदान में उतरने से नाराज लोजद के कई नेता और सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने लोजद से नाता तोड़कर जनतांत्रिक विकास पार्टी का दामन थाम लिया है ।पूर्व सांसद शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव सह कोर कमेटी सदस्य बिंदेश्वरी सिंह,श्रमिक प्रकोष्ठ पटना जिला के प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर यादव, जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा, विवेक शर्मा,बिंदेश्वरी शर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अनिल कुमार के समक्ष जनतांत्रिक विकास पार्टी की सदस्यता ले ली ।इस दौरान अनिल कुमार ने सबों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि जनतांत्रिक विकास पार्टी में आये सभी लोगों का हम स्वागत करते हैं। पार्टी में शामिल होने सभी लोग लोजद से पहले जदयू के सदस्य रहे हैं ।उनके आने से हम और मजबूत हुए हैं । आज हमारे समाने सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में आयी विकृतियों को दूर करने की चुनौती है, जिसके लिए हम सब कृत संकल्पित हैं ।
जनतांत्रिक विकास पार्टी में शामिल हुए लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव सह कोर कमेटी सदस्य बिंदेश्वरी सिंह ने कहा कि शरद यादव बिना किसी सूचना के राजद के उम्मीदवार बन गए ।यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए किसी शॉक से कम नहीं था । उन्होंने पार्टी में इस विषय में चर्चा करने की भी जरूरत नहीं समझी ।यानि कार्यकर्ता को छोड़ कर नेता ही भाग गए ।इसलिए पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हमारे साथ आज अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व वाली पार्टी जनतांत्रिक विकास पार्टी में शामिल हुए हैं ।
गौरतलब है कि नेताओं के पाला बदलने के लिए आहूत पार्टी मिलन समारोह के दौरान दिनेश भगत,तुलसी मांझी,सुरेश मेहता, दीपक नटराजन,प्रो.अवधेश सिंह,प्रो. देव शर्मा,अरूण कुमार शर्मा,रामकृष्ण,राजू मांझी, कमलेश पासवान,मुकेश कुमार मांझी,सुबोध कुमार मांझी,ओम प्रकाश मांझी,दशरथ पासवान, राजेश पासवान,रामनदंन सिंह, कृष्णा सिंह और पुनपुन कुमार समेत बिहार के 14 जिलों से लोजद के नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ता जनतांत्रिक विकास पार्टी में शामिल हो गए । इस दल-बदल के बाद चुनावी समर में एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप का दौर अपने परवान पर है ।कोसी के दो सीट मधेपुरा और सुपौल में विभिन्य दल के प्रत्यासी अपने विरोधी दल के प्रत्यासियों पर मर्यादा लांघकर आरोपों की बौछार कर रहे हैं ।खासकर के पप्पू यादव,काफी बाबले हो रहे हैं ।
RJD ने पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ सुपौल में खोल दिया है मोर्चा
बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच घमशान जारी है । तेजस्वी यादव के निशाने पर पप्पू यादव तो हैं ही साथ ही उनकी पत्नी कांग्रेस प्रत्याशी रंजीता रंजन को भी उन्होंने चुनाव हराने की व्यवस्था कर दी है ।अब RJD और रंजीत रंजन के बीच जारी विवाद जंग में तब्दील हो चुका है ।सुपौल लोकसभा चुनाव में RJD ने अपने द्वारा खड़े किए गए निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश यादव को समर्थन देने की औपचारिक घोषणा कर दी है ।इसकी वजह से रंजीता की राह काफी मुश्किल होती जा रही हैं ।तेजस्वी यादव, पप्पू यादव के मधेपुरा से महागठबंधन के प्रत्याशी शरद यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने को लेकर नाराज हैं ।
उनकी पार्टी ने यह साफ कर दिया था कि पप्पू यादव जबतक अपना नामांकन वापस नहीं लेगें RJD सुपौल में कांग्रेस प्रत्याशी और उनकी पत्नी रंजीता रंजन का समर्थन नहीं करेगी । पप्पू यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए और सोमवार को अपना नामांकन वापस नहीं लिया ।सिंवर को नामांकन वापस लेने की आखिड़ी तारीख थी ।RJD के फरमान के बावजूद,पप्पू यादव ने मधेपुरा से अपना नामांकन वापस नहीं लिया ।फिर क्या था,RJD ने भी सुपौल में पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ मजबूत मोर्चा खोल दिया है ।RJD विधायक और जिला अध्यक्ष यदुवंशी यादव ने साफ कह दिया है कि निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश यादव ने उनसे समर्थन की मांग की है,जिसे एक बैठक के बाद निर्णय लेकर समर्थन कर दिया जाएगा ।
RJD के स्थानीय नेताओं के इस स्टैंड के साथ तेजस्वी यादव खड़े दिख रहे हैं ।सूत्रों के अनुसार पूरे चुनाव में RJD का कोई वरिष्ठ नेता सुपौल नहीं जाएगा ।वैसे स्थानीय RJD नेताओं ने यह पूरी तरह से साफ कर दिया है कि रंजीता रंजन के पक्ष में अगर RJD का कोई बड़ा नेता वोट मांगने आएगा तो उसका भी विरोध किया जाएगा ।RJD के स्थानीय नेताओं का कहना है कि 15 साल से RJD ने सुपौल की सीट रंजीता रंजन को दी है ।लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा ।अब RJD रंजीता रंजन का समर्थन नहीं करेगा ।RJD विधायक यदुवंशी यादव ने कहा कि एक और पप्पू यादव दो-दो हाथ करने की बात करते हैं और दूसरी ओर यहां पर समर्थन खोज रहे हैं ।यह अब कतई बर्दाश्त नहीं है ।
यदुवंश यादव ने कहा कि निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे RJD कार्यकर्ता दिनेश यादव के समर्थन पर पार्टी जल्द ही फैसला लेगी ।जाहिर तौर पर अगर RJD नेता अपने इस स्टैंड पर कायम रहते हैं तो रंजीता रंजन की संसद पहुंचने की राह ना बेहद मुश्किल हो जायेगी बल्कि उनकी हर तय हो जाएगी । पप्पू यादव मधेपुरा में शरद यादव को कितना नुकसान पहुंचा पायेगें,इसका आकलन तो अभी नहीं है लेकिन वगैर RJD के समर्थन के सुपौल में उनकी पत्नी का चुनाव जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा ।इधर कांग्रेस ने रंजीता रंजन को मधेपुरा से राजद के उम्मीदवार शरद यादव के पक्ष में रोड शो करने का फरमान जारी किया है ।कुलमिलाकर राजद के इशारे पर हो रहे इस सारे खेल का,एक ही मतलब निकलता है कि पप्पू यादव और उनकी पत्नी के राजनीतिक सफर को खत्म करने की मजबूत साजिश है,जिसमें कांग्रेस मुक्त और बधिर की भूमिका में है ।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “चुनावी विश्लेषण”
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