कांग्रेस की झोली रह गई खाली, राज्यसभा भेजने के लिए RJD ने अपने प्रत्याशियों को दे हरी झंडी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं. इन सभी पर तीनों पार्टियों ने, जदयू, भाजपा और राजद ने अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है. राज्यसभा भेजने के लिए जदयू ने दुबारा से पुराने ही चेहरे हरिवंश और रामनाथ ठाकुर पर भरोसा जताया है. वहीँ भाजपा ने सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर के नाम पर मुहर लगाई है. तो वहीँ राजद ने प्रेमचंद गुप्ता तो नए नवेले चेहरे अमरेन्द्रधारी सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये दोनों आज ही तेजस्वी की अगुआई में अपना नामंकन पर्चा भरेंगे. वहीँ जदयू और भाजपा के प्रत्याशी आज या कल अपना नामाकन दाखिल कर सकते हैं. बता दें नामंकन की आखिरी तारीख कल यानि 13 मार्च को है. ऐसे में आज और कल में ही ये प्रत्याशी अपना नामंकन दाखिल कर देंगे.
राजद के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने के साथ ही अब कांग्रेस और राजद के बीच राजनीतिक तल्खी बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल इन दिनों महागठबंधन के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस और राजद एक दूसरे के खिलाफ नजर आ रही है. इसका कारण राज्यसभा की एक सीट है. कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजद ने ये वादा किया था कि जब राज्यसभा के चुनाव होंगे तो अपने कोटे से एक सीट कांग्रेस को दी जाएगी. लेकिन अब जब राज्यसभा सांसद का चुनाव हो रहा है तो राजद अपने वादे से पीछे हट गई है. जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.
बता दें नामों के ऐलान से पहले ही राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ये साफ़ कर दिया था कि राजद किसी भी सूरत में कांग्रेस को राज्यसभा सीट कांग्रेस को नहीं देने जा रही. हालांकि इस बात पर कांग्रेस के नेताओं में थोड़ा गुस्सा देखने को जरुर मिला था. जब कांग्रेस के नेता अखिलेश सिंह से इस बारे में पूछ गया तो वो भड़क गए. उन्होंने गुस्से में कहा कि कौन क्या बोलता है उससे क्या मतलब. मुझे मतलब राजद के राष्ट्रिय अध्यक्ष, प्रतिपक्ष नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी से है. इनलोगों की ओर से कोई भी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. मतलब कि उन्हें ये कल तक भरोसा था कि राजद अपने कोटे से उन्हें सीटें जरुर देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
जाहिर है राजद के इस ऐलान के साथ ही कांग्रेस को बड़ा झटका जरुर लगा है. क्योंकि जिस तरह से लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को कम सीटें मिली. और उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया गया था, आज वो पूरा नहीं हुआ. इसका असर कहीं न कही आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. खैर जो भी हो, लेकिन जो अहम् बात ये है कि राजद राज्यसभा में अपनी संख्या बल बढ़ाना चाहता है. यही कारण है कि राजद ने कांग्रेस को अपने कोटे से सीट नहीं दी.
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