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RCP सिंह ने की बिहार में तुरंत शराबबंदी ख़त्म करने की मांग.

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सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश की शराब नीति पर फिर से हमला बोला है.उन्होंने कहा है कि शराबबंदी के कारण बिहार में पर्यटक नहीं रुकते हैं. पटना एयरपोर्ट पर उतरते ही जहां पर्यटकों का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें शराबबंदी के बहाने डराया-धमकाया जाता है. नालंदा के अपने पैतृक गांव मुस्तफापुर में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने पहुंचे आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार में और चीजों के अलावा कल्चर बहुत रीच है. हमारे यहां नालंदा है, राजगीर है, पावापुरी है, बोधगया है, बगहा है. यहां बहुत पर्यटक स्थल हैं, जहां लोग आते हैं. लेकिन लोग क्यों बड़ी संख्या में नहीं आ रहे हैं, इसके पीछे कई कारण हैं.

पहला कारण यहां एक भी 5 स्टार होटल नहीं है.उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कहीं भी चले जाइए या फिर झारखण्ड जैसे राज्य में भी 5 स्टार होटल है.लेकिन बिहार में एक भी फाइव स्टार होटल क्यों नहीं हैं? सरकार का ध्यान ही नहीं है. राजगीर में आप पर्यटक चाहते हैं. इसके पीछे एक और बड़ी वजह बिहार में शराबबंदी है.उन्होंने कहा- मैं बताता हूं, आप प्लेन से जब पटना एयरपोर्ट पर उतरते हैं, तब वहां जो एनाउंसमेंट होता है…पता नहीं मुख्यमंत्री जी को कैसा लगता होगा. लेकिन मैं अपनी बात बताता हूं…जब पटना एयरपोर्ट पर उतरते हैं तो सबसे पहले सुनने को मिलता है – आप बिहार पहुंच गए हैं. यहां शराब पीना अपराध है. शराब रखना अपराध है.

आरसीपी सिंह ने कहा कि जब प्लेन लैंड करे बिहार में तो बताना चाहिए कि यह बुद्ध की धरती है, महावीर की धरती है. यहां आपका स्वागत है. हमारे यहां नालंदा यूनिवर्सिटी है, उसका प्रचार होना चाहिए .लेकिन यहां तो आपको सबसे पहले ही डराया जाता है. इससे पर्यटन पर असर पड़ता है. लोगों का अपना लाइफस्टाइल होता है.उन्होंने आगे कहा- आप देखिए…लोग वाराणसी से यहां घूमने आते हैं. दिनभर घूमते हैं…और नाइट हॉल्ट कहां करते हैं…वापस वाराणसी जाकर. वो यहां आते…रुकते…ठहरते…तो क्या होता…यहां के लोगों का रोजगार बढ़ता.

उन्होंने कहा कि राजगीर से खूबसूरत कोई जगह है….लेकिन लोग आएंगे क्यों? बिहार में अब बड़े लोग शादी-समारोह नहीं कर रहे. बड़ी कंपनियां मेडिकल कॉन्फ्रेंस नहीं कर रही हैं.उन्होंने तत्काल शराबबंदी को खत्म कर देने की मांग करते हुए कहा कि अब ताड़ी बेचनेवालों को पकड़ रहे हैं. वो कभी गांव में रहे हैं..देखिए गांव में कितना ताड़ का पेड़ है…कहां जाएंगे लोग…क्या रोजगार करेंगे? लोग हमेशा से ताड़ी पीते रहे हैं. आप नीरा की बात करते हैं. ताड़ी दिन में तीन बार निकलता है. एक ही बार तीनों टाइम का ताड़ी कैसे निकल जाएगा. कौन उनको यह सब समझा दिया है.

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