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पटना में राम भरोसे कोरोना जांच, 15 दिन बाद भी नहीं मिल रही रिपोर्ट.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार विधान सभा चुनाव से लेकर अबतक बिहार में कोरोना जांच की रफ़्तार बहुत धीमी पड़ गई है.गौरतलब है कि चुनाव के पहले हर रोज दो लाख सैम्पल की जांच होती थी और ढाई हजार कोरोना के मामले सामने आते थे लेकिन अब मुश्किल से 600 नए मामले सामने आ रहे हैं.लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि बिहार में कोरोना नियंत्रित है.दरअसल, चुनाव की वजह से धीमी हो चुकी कोरोना जांच अबतक रफ़्तार नहीं पकड़ पाई है.जिस तरह से चुनाव के दौरान रैलिय हुई हैं, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उडी हैं, संक्रमण के बढ़ने का खतरा कई गुना बढ़ गया है.लेकिन जांच की रफ़्तार धीमी पड़ जाने से सच्चाई सामने नहीं आ रही है.

पटना के पाटलिपुत्र अशोका होटल को कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है.लेकिन नवम्बर महीने में जिन लोगों ने 10 तारीख को जांच कराई उनकी रिपोर्ट अबतक सामने नहीं आई है.जांच करानेवाले लोगों का आरोप है कि 15 दिन पहले उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया लेकिन अभीतक रिपोर्ट सामने नहीं आई है.केवल एक संदेश आया है कि जल्द ही आपकी जांच रिपोर्ट आयेगी तबतक परिवार के एनी सदस्यों से दुरी बनाए रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.लोगों का कहना है कि 15 दिन बाद रिपोर्ट आने का क्या मतलब है.जबतक रिपोर्ट आयेगी, कोरोना ख़त्म हो चूका होगा या फिर जान ले चूका होगा.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कोरोना टेस्टिंग मशीन ख़राब होने की वजह से जाँच रिपोर्ट नहीं आ रही है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल अगर 15-15 दिनों तक जांच मशीन खराब रहेगी तो कोरोना जांच करने का मतलब क्या है?लोगों को एंटीजन टेस्ट से ही काम चलाना पड़ रहा है.स्वास्थ्य महकमे से जुड़े जुड़े लोग भी एंटीजन रिपोर्ट को फूल प्रूफ नहीं मानते,उनका कहना है कि एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद एकबार रेगुलर टेस्ट जरुरी है.

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