महागठबंधन में जनाधार पर मची रार, सीटों पर कलह सुलगने के आसार
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अब तक कोई फैसला सामने नहीं आ सकता है। सीटों पर सहमति नहीं बन पायी है और अब खबर यह है कि महागठबंधन में जनाधार को लेकर रार मची हुई है। राजद का दावा है कि बिहार में हमारा जनाधार सबसे मजबूत है इसलिए उस जनाधार के मुताबिक सीटों की जो सम्मानजनक संख्या होगी राजद उस पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इस कयास को पुख्ता करने के लिए दो बयान काफी है। पहला बयान राहुल गांधी की जनआंकाक्षा रैली में तेजस्वी यादव दे चुके हंै। अगर आपको याद हो तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है, उसे सबको साथ लेकर चलना चाहिए जाहिर है उम्मीद कांग्रेस से त्याग की है और कोशिश है कि बिहार में फ्रंट फुट पर राजद हो दिलचस्प यह कि उसी मंच से राहुल गांधी ने एलान कर दिया कि कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलेगी। दूसरा बयान मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आ रहा है राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे का। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने कहा है कि अब बहुत जल्द महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फैसला हो जाएगा. उन्होंने सीटों को लेकर कहा कि बिहार में राजद का व्यापक जनाधार है, इसलिए पार्टी 20 से 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पूर्वे ने इस संबंध में आगे कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद से महागठबंधन की तमाम पार्टियों ने बात कर ली है और सबकी सहमति से ही सीटों को बँटवारा तय हुआ है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने कहा है कि अब बहुत जल्द महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फैसला हो जाएगा. उन्होंने सीटों को लेकर कहा कि बिहार में राजद का व्यापक जनाधार है, इसलिए पार्टी 20 से 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पूर्वे ने इस संबंध में आगे कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद से महागठबंधन की तमाम पार्टियों ने बात कर ली है और सबकी सहमति से ही सीटों को बँटवारा तय हुआ है.उन्होंने आगे कहा कि राजद सुप्रीमो लालू जी के मार्गदर्शन और हमारे युवा नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जो भी फैसला लिया जाएगा, वो बहुत जल्द सबके सामने होगा.
इस दौरान पूर्वे ने कहा कि महागठबंधन में राजद का सबसे ज्यादा जनाधार है, ऐसे में हमारी पार्टी 20 से 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सवाल है कि 20 से 22 सीटों पर राजद लड़ेगी तो कांग्रेस के लिए क्या बचता है क्योंकि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी भी सीटों में हिस्सेदार है। जाहिर है राजद ने अपनी राजनीतिक हैसियत का आकलन स्वयं किया है जनाधार के नाम पर बड़े हिस्से को खुद रखना और बाकी सहयोगियों को दे देने की मंशा है, सहयोगी आसानी से मान जाएगे यह लगता नहीं है और नहीं मानेंगे तो जाहिर है जनाधार पर रार मचेगी, कलह सुलगेगा और महागठबंधन की राह दुश्वार होगी।
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