इस बार सारण सीट से BJP के राजीव प्रताप रूडी का होगा RJD के तेजप्रताप से मुकाबला?
सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच के झगड़े के निबटारे का रास्ता खोज लिया है.सूत्रों के अनुसार चुनाव की कमान पूरी तरह से छोटे बेटे तेजस्वी यादव को दे दिया है. बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को उन्होंने केन्द्रीय राजनीति में उतारने का फैसला लिया है. तेजप्रताप यादव की राष्ट्रिय राजनीति में लाँचिंग छपरा से होनेवाली है. लालू यादव अपनी पुश्तैनी सीट सारण लोकसभा क्षेत्र अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को उतारने जा रहे हैं.
इस सीट से अभी बीजेपी के नेता राजीव प्रताप रुडी बीजेपी के सांसद हैं. 2014 में सारण सीट से राजीव प्रताप रूडी मोदी लहर में चुनाव जीते थे. जब भी लालू यादव यहां से चुनाव लड़े हैं, राजीव प्रताप रुडी चुनाव हारे हैं. 2014 में सारण से राबड़ी देवी हार गयी थीं, जबकि 2019 में लालू यादव यहां से सांसद बने थे. लालू यादव हर हाल में सारण सीट पर पार्टी का का कब्जा चाहते हैं.इस सीट से कौन चुनाव लडेगा इसको लेकर अबतक कई नाम सामने आ चुके हैं. कभी लालू की नई बहु ऐश्वर्या राय का नाम उछाला तो कभी उनके पिता चन्द्रिका यादव का नाम आया है. लेकिन अब सारे अनुमान गलत साबित हुए. ऐश्वर्या की अभी लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्र नहीं हुई है.वैसे तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि अभी उनकी भाभी चुनाव मैदान में नहीं उतरेगी.
2019 के लोकसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव का आरजेडी की ओर से सारण सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय है. सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप यादव अपने पिता की इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं. वैसे सारण में अपनी राजनीतिक गतिविधियां तेजप्रताप यादव बढ़ा भी चुके हैं.. पिछले दिनों उन्होंने पटना से सिताब दियारा तक की यात्रा की थी. उन्होंने जेपी की धरती से बीजेपी के खिलाफ जमकर दहाड़ लगाई थी. उन्होंने जेपी मूवमेंट की तरह एलपी मूवमेंट यान लालू प्रसाद मूवमेंट शुरू करने की बड़ी घोषणा की थी. सारण के लोग तो यह मानकर चल रहे हैं कि तेजप्रताप यादव सारण का प्रतिनिधत्व करने को तैयार हैं. आरजेडी सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप यादव का कहना है कि जल्द ही क्षेत्र का मिजाज भांपने के लिए वे इसके अंदर आनेवाले सभी छह विधानसभा क्षेत्रों का विजिट करेंगे.
दरअसल, तीन बार सारण से एमपी बनने वाले लालू यादव भी चाहते हैं कि तेजप्रताप यादव केंद्र की राजनीति करे. उनके स्टाइल में लोकसभा के अंदर गरीब-गुरबों की आवाज को बुलंद करे, क्योंकि तेजप्रताप का स्टाइल कहीं न कहीं लालू यादव से मिलता है. साथ ही तेजस्वी यादव पूरी तरह फ्री होकर बिहार की राजनीति में अपना अहम रोल निभाए.गौरतलब है कि 1977 के बाद लालू यादव 2004 और 2009 में सारण से सांसद बने थे.
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