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‘राहुल गांधी में PM बनने के सारे गुण लेकिन चुनाव बाद मिलकर लेगें फैसला

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‘राहुल गांधी में PM बनने के सारे गुण लेकिन चुनाव बाद मिलकर लेगें फैसला

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने आज फिर कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में एक अच्छे प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण मौजूद हैं. उनके नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया जासकता. हालांकि उन्‍होंने ये भी साफ़ कर दिया कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला आम चुनावों के बाद महागठबंधन के सभी दल मिलकर लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस नेता की छवि धूमिल करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप भी लगाया.

तेजस्वी ने कहा कि राहुल गांधी के लंबे समय से नकारात्मक अभियान चलाया जा रहा है.उनकी छवि ख़राब करने की कोशिश जारी है. फिर भी  उन्होंने अपनी दृढ़ता, दयालुता और बड़े दिल से लोगों का दिल जीता है.BJP पर तंज करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र हमेशा लोक-केंद्रित होता है. यह व्यक्ति-केंद्रित नहीं होता है. हम सरकार का तानाशाही वाला रूप नहीं चाहते. वर्तमान में BJP व्यक्ति पूजा से ग्रसित है. हम उस संस्कृति को नहीं चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत ने पार्टी और उन 69 प्रतिशत मतदाताओं के मन में आत्मविश्वास और ऊर्जा की भावना भर दी है. वे भारत की सबसे पुरानी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पिछले 15 वर्षों से संसद सदस्य हैं. मत भूलिए कि उनकी पार्टी से देश में पांच मुख्यमंत्री हैं और वह उनका नेतृत्व कर रहे हैं. इसलिए, उनके नेतृत्व और गुणों पर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.

बता दें कि पिछले महीने कांग्रेस के बड़े सहयोगियों में से एक द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार को हराने के लिए एकजुट विपक्ष को प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को मैदान में उतारना चाहिए. इस बयान को लेकर स्टालिन की आलोचना की गई थी. लेकिन वह अपने विचारों पर अडिग रहे.तेजस्वी यादव से जब पूछा गया कि क्या राहुल विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं, तो उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. इसमें लोग अपने प्रतिनिधियों का चयन करते हैं उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद हम साथ बैठकर एक नेता चुन सकते हैं. इसके लिए कोई जल्दबाजी नहीं है. मत भूलिए कि मनमोहन सिंह 2004 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे. फिर भी उन्होंने सफलतापूर्वक 10 साल तक सरकार चलाई.राहुल गाँधी भी किसी से कम नहीं हैं.

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