बिहार में ‘झोलाछाप’ डॉक्टरों के सहारे कोरोना मरीज, पत्र जारी करने वाले सिविल सर्जन निलंबित.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के तमाम सरकारी प्रयास के वावजूद राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगाता बढ़ती जा रही है.बिहार में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 24 पर पहुंच गई है. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना पत्र ने विभाग को बैकफूट पर ला दिया है. सिवान के सिविल सर्जन ने एक ऐसा आदेश निकाला जिससे कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की पूरी तैयारी की पोल खुल गई है. मामले के खुलासे के बाद सरकार ने आरोपी सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया है.
सिवान के सिविल सर्जन के द्वारा 25 मार्च को लिखे गए इस पत्र में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को संबोधित किया गया है.सिविल सर्जन सिवान ने अपने पत्र में लिखा है कि अपने अपने क्षेत्र में निजी अस्पतालों एवं झोलाछाप चिकित्सक को चिन्हित कर उनसे सेवा लेने हेतु पत्र प्रेषित करने तथा उन्हें प्रशिक्षित करने के संबंध में सहमति पत्र प्राप्त करें. सिविल सर्जन द्वारा 25 मार्च को जारी किये गए इस पत्र में कोरोना वायरस से बचाव हेतु सभी प्रखंडों में झोलाछाप चिकित्सकों को चिन्हित करते हुए उनसे इलाज हेतु सहमति पत्र लेते हुए उन्हें प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया है.
सिविल सर्जन के इस पत्र के बाद बिहार सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सिवान के सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया है.उनके अनुसार सिविल सर्जन द्वारा कोविड-19 को लेकर लिखा गया पत्र कोविड-19 के ट्रीटमेंट के प्रतिकुल था.इसके बाद विभाग ने उन्हें निलंबित करने का फैसला लिया है।बता दें कि 2 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने किशनगंज में एसीएमओ के पद पर योगदान नहीं करने पर एक चिकित्सा पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया था.साथ हीं उनका अनुबंध समाप्त करने की अनुसंसा की थी.
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