अडानी के चक्कर में डूब जाएंगे सरकारी बैंक और LIC?
अडानी ग्रुप के शेयरों में हाहाकार, सेबी बारीकी से अडानी ग्रुप के हरेक डील की करेगा जांच.
सिटी पोस्ट लाइव :गौतम अडानी की 20% दौलत स्वाहा हो गई है.उनकी कंपनी ने एक दिन में 18,42,62,32,00,000 रुपये गंवा दिया है.अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में शुक्रवार को लगातार दूसरे सत्र में भारी गिरावट आया. इसका असर बैंक एवं फाइनेंशियल शेयरों पर भी देखने को मिला. भारतीय बैंकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है. दूसरी ओर एलआईसी (LIC) का अडानी ग्रुप की कंपनियों में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश है. इस कर्ज और निवेश के डूबने की आशंका से बैंकों और एलआईसी के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई.
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के शेयरों में सात फीसदी से अधिक गिरावट आई जबकि एसबीआई (SBI) का शेयर 4.69 फीसदी गिर गया. देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का शेयर एक समय 4.3 फीसदी तक गिर गया था लेकिन बाद में यह 3.25 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ.बाज़ार के जानकारों के अनुसार मार्केट में निगेटिव सेंटिमेंट हावी है जिसका असर बैंक स्टॉक्स में दिख रहा है. अडानी ग्रुप की टॉप पांच कंपनियों पर पिछले चार साल में कर्ज दोगुना हो गया है. ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप के कुल कर्ज में भारतीय बैंकों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से भी कम है. इसके मुताबिक अडानी ग्रुप के कुल कर्ज में बैंकों का 38 फीसदी, बॉन्ड्स और कमर्शियल पेपर्स का 37 फीसदी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का 11 परसेंट है. वित्त वर्ष 2022 में अडानी ग्रुप पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जिसमें करीब 80,000 करोड़ रुपये बैंकों का था.
उन लोगों का पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई एलआईसी और एसबीआई में निवेश की है.अगर अडानी ग्रुप पर लगे आरोप सही हैं तो एसबीआई जैसे सरकारी बैंकों को भारी नुकसान हो सकता है.कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकारी बैंकों ने अडानी ग्रुप के निजी बैंकों की तुलना में दोगुना कर्ज दिया है. इसमें से 40 फीसदी कर्ज एसबीआई ने दिया है.एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाया है. 30 सितंबर, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10.27 लाख करोड़ रुपये का था. इसमें से अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी का निवेश करीब सात फीसदी है. हाल के महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश कम किया है. पिछले साल सरकार एलआईसी का आईपीओ लाई थी. लेकिन इसका शेयर कभी भी अपने इश्यू प्राइस तक नहीं पहुंच पाया है.
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) भी इस मामले में सतर्क हो गया है.एक खबर के मुताबिक सेबी पिछले साल अडानी ग्रुप द्वारा किए गए हरेक सौदे की बारीकी से जांच करेगा. अडानी ग्रुप ने हाल में कई बड़े सौदे किए हैं. इनमें अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड का अधिग्रहण शामिल है. साथ ही अमेरिका की शॉर्ट सेलर कपनी Hindenburg Research की रिपोर्ट की भी स्टडी की जाएगी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. हालांकि अडानी ग्रुप ने इस आरोपों का खंडन करते हुए अमेरिका कंपनी के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है.
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