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पटना वि.विद्यालय : क्यों छीन गई जोसिता पटवर्धन से छात्रसंघ उपाध्यक्ष की कुर्सी ?

पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने जोसिता पटवर्धन को छात्रसंघ उपाध्यक्ष पद से हटाया

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सिटी पोस्ट लाईव : पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को छात्रसंघ की नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष जोसिता पटवर्धन को उनके पद से हटा दिया है. जोसिता पर गलत तरीके से नामांकन करने और चुनाव लड़ने का आरोप हैं. पटना विश्वविद्यालय के कुलपति ने उनको उनके पद से अयोग्य घोषित किया, जिसके बाद जोसिता पटवर्धन कोर्ट की शरण में जाने का मन बना रहीं हैं.

उपाध्यक्ष पद से हटाने को जोसिता ने राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया है. उनका कहना है कि नामांकन के समय उन्होंने कुलपति और इग्जाम कंट्रोलर को सभी बातों से अवगत करा दिया था.उन्होंने कहा कि   विश्वविद्यालय की ओर से एनओसी मिलने के बाद नामांकन किया था.लेकिन अब विश्वविद्यालय अपने वायदे से क्यों मुकर रहा है, उन्हें नहीं पता. उन्होंने कहा कि वो चुप नहीं बैठेगीं और न्याय के लिए पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटायेंगी. जोसिता पटवर्धन ने सिटी पोस्ट लाईव से कहा कि वो मैं विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट तो जायेगीं ही साथ ही  बिहार के राज्यपाल से भी मिलकर शिकायत करेगीं.लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल जो फैसला लेंगे उसको वो मानेंगी. उन्होंने आगे कहा कि पूरे मामले को देखते हुए कुलपति और इग्जाम कंट्रोलर को भी उनके पद से हटा देना चाहिए.

गौरतलब है एबीवीपी की सक्रिय सदस्य जोसिता पटवर्धन ने पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. माना जा रहा है कि जोसिता अब  विवि प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दायर करेंगी. वैसे छात्र संघ के अध्यक्ष के चुनाव का मामला भी हाईकोर्ट में सुलझा था .उम्मीद की जा रही है कि हाईकोर्ट जाने के बाद जोसिता को भी राहत मिल सकती है.

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