खूंटी : समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2018 में शुरू की गयी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना खूंटी जैसे पिछले और जनजातीय बहुल जिले के लिए वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जिसे अब मुख्यमंत्री जन आरोग्य कहा जाता है, का लाभ यहां के गरीबों को भरपूर मिल रहा है। इसके कारण स्थानीय लोग इस योजना की सराहना करते नहीं थकते।
तोरपा प्रखंड के कुम्हार टोली निवासी और पेशे से किसान रामाशीष महतो कहते हैं कि उनके पास यदि आयुष्मान कार्ड नहीं होता, तो शायद उसकी जान नहीं बचती। रामाशीष कहते हैं कि कुछ दिन पहले उनके पेट में पथरी हो गयी थी। निजी अस्पतालों में इसके आपरेशन का खर्च एक लाख रुपये से अधिक बताया गया था।
महतो कहते हैं कि वे एक सीमांत किसान हैं। एक लाख तो क्या, उनकी क्षमता तो 50 हजार रुपये खर्च करने की भी नहीं थी। जन आरोग्य योजना का लाभ लेकर उन्होंने एक रांची के एक निजी अस्पताल रिंची हॉस्पिटल में अपना आपरेशन कराया। उन्होंने कहा कि यदि इस योजना का लाभ नहीं मिलता, तो पता नहीं आगे क्या होता। रामाशीष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जो भी योजनाएं हैं, वे सभी गांव और गरीबों के लिए ही हैं।
कर्रा प्रखंड के बिकुवादाग गांव निवासी अशोक कुमार शर्मा, जो कुछ दिन सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे और लगभग दो महीने तक निजी अस्पताल में भर्ती थे, कहते हैं कि आज वह किसी प्रकार चल-फिर रहे हैं, तो यह देन केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना की है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले वह रांची से अपने गांव बिकुवादाग मोटरसाइकिल से लौट रहे थे। लोधमा के पास वे दुर्घटना का शिकार हो गये। उन्हें अत्यंत गंभीर स्थिति में रांची के निजी अस्पताल प्रगति मेडिकल एंड रिसर्च हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया गया। आयुष्मान कार्ड के कारण उनका अस्पताल में नि:शुल्क आपरेशन हो गया।
उन्होंने बताया कि उनकी कमर की हड्डी टूट गयी थी। शर्मा कहते हैं कि उनके इलाज में जितना खर्च हुआ, वह इसका वहन नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि जन आरोग्य योजना का गरीबों को बहुत अच्छा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता है है कि इसका लाभ सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों यहां तक कि बड़ी दवा दुकानों में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि खूंटी जिले में हजारों लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
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