सिटी पोस्ट लाइव, वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट काल में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को आत्म निर्भर बनाने और निर्यात का बड़ा हब बनाने के लिए युवाओं और किसानों से सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि काशी को एक नए केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं। काशी को भारत के बड़े एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करने का उन्होंने भरोसा भी दिया। प्रधानमंत्री गुरुवार को वाराणसी की सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर रहे थे। लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों से उनके सेवा कार्यों और अनुभव को भी प्रधानमंत्री ने सुना। प्रधानमंत्री ने इन संस्थाओं का आभार जताते हुए कहा कि सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, वह दूसरों की निस्वार्थ सेवा करता है। प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा भाव को अपने लिए प्रेरणाश्रोत बताते हुए कहा कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद और उत्साह से भरी हुई है। ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे। यह भी सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है। लेकिन यह भी सही है कि हमारी काशी ने इस अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट के समय हमने देखा है कि आगे बढ़कर एक दूसरे की मदद की है। इसी एकजुटता, इसी सामयिकता ने हमारी काशी को और भव्य बना दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करना, डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम करना बड़ी बात है। हमारा सौभाग्य है कि गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया। प्रधानमंत्री ने संत कबीर दास के एक दोहे का उल्लेख कर कहा कि ‘सेवक फल मांगे नहीं, सेव करे दिन रात।’ सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है! दूसरों की निस्वार्थ सेवा ही हमारा संस्कार हैं। यहां संस्कार और सेवा भाव मुश्किल समय में देशवासियों के काम आ रहा है।
प्रधानमंत्री ने 100 साल पहले देश में आई महामारी और तब देश पर आये संकट को बताया। कोरोना का जिक्र कर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी आई, तो दुनिया भर के लोग भारत को लेकर डरे हुए थे। इतनी आबादी, इतनी चुनौतियां लोग भारत पर सवाल खड़े कर रहे थे। इसमें भी 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर तो शंकाएं-आशंकाएं और भी ज्यादा थीं लेकिन जन सहयोग, लोगों के परिश्रम, पराक्रम ने सारी आशंकाओं को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के समान जनसंख्या वाले ब्राजील जैसे देश में कोरोना के कारण लगभग 65 हजार लोगों की मौत हुई है जबकि प्रदेश में लगभग 800 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह बताता है कि राज्य में कई लोगों की जान बचाई गई है।
केन्द्र सरकार 30 नवम्बर तक लोगों को मु्फ्त देगी राशन
कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 80 करोड़ लोगों को भरोसा दिया है कि 30 नवम्बर तक सरकार उनके लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था करेगी। त्यौहारों में भी देखवासियों को खाने पीने के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। खाना पकाने के लिए उज्जवला योजना में लोगों को मुफ्त में गैस उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि जन-धन खाते में हजारों करोड़ रुपये जमा कराना हो या फिर गरीबों, श्रमिकों के रोजगार की चिंता, छोटे उद्योगों को, रेहड़ी-ठेला लगाने वालों को, आसान ऋण उपलब्ध कराना हो या खेती, पशुपालन, मछलीपालन और दूसरे कामों के लिए ऐतिहासिक फैसले, सरकार ने लगातार काम किया है।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में चल रहे विकास कार्यों को बताया
प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान वाराणसी में चल रहे विकास कार्यों और पिछले दिनों इसको लेकर हुई वर्चुअल बैठक का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस समय काशी में लगभग 8 हजार करोड़ रुपए के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर कार्य तेजी से चल रहा है। जब स्थितियां सामान्य होंगी तो काशी में पुरानी रौनक भी उतनी ही तेजी से लौटेगी। इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी। सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प के लिए, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमखी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान बताया कि वाराणसी में संक्रमण को रोकने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है, अस्पतालों की स्थिति क्या है, कहां क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, क्वारंटीन को लेकर क्या हो रहा है, बाहर से आए श्रमिक साथियों के लिए क्या प्रबंध हो रहे हैं, ये सारी जानकारियां मुझे मिल रही थीं।
काशी की प्राचीन कहावत का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने काशी में प्रचलित मान्यताओं का भी जिक्र कर लोगों के दिल को छू लिया। उन्होंने कहा कि हमारी काशी में बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा दोनों विराजते हैं। पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ सबके खाने का इंतजाम कर देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में बाबा के चरणों में आने का मन हर किसी का करता है। लेकिन जब बाबा की नगरी के लोगों से रूबरू होने का मौका मिला है तो ऐसा लगता है कि आज मेरे लिए एक दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कितनी भी बड़ी आपदा क्यों न हो, काशी के लोगों की जीवटता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। जो शहर दुनिया को गति देता हो, उसके सामने कोरोना क्या चीज है। इसके पहले प्रधानमंत्री ने हर-हर महादेव के उदघोष और हमेशा की तरह भोजपुरी भाषा में अपने सम्बोधन का शुरूआत किया।
सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का दिया संदेश
प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि एक बात हमें बार-बार करनी है, हर किसी से करनी है, खुद से भी करनी है। हम सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति चाहते हैं। रास्तों पर थूकने की हमें आदत बदलनी पड़ेगी। कोरोना संकट काल में दो गज की दूरी, गमछा या फेस मास्क और हाथ धोने की आदत को हमें संस्कार बनाना है।
सोनार की कथा सुनाकर लोगों को उपकार के लिए किया प्रेरित
प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान एक सोनार की कथा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सोनार महादेय अपने कार्यों के अलावा अस्पताल में भर्ती लोगों में नियमित दातून बांटते थे। इससे उनकी स्वीकार्यता लोगों में बढ़ी और उनका व्यापार भी बढ़ा।
पीएम से संवाद करने वालों में ये रहे शामिल
प्रधानमंत्री से संवाद करने वालों में गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट के गंगाधर उपाध्याय, राष्ट्रीय रोटी बैैंक की पूनम सिंह, संपूर्ण सिंधी समाज, सिगरा के सुरेंद्र लालवानी, समाजसेवी अनवर अहमद, एचडीएफसी बैैंक के मनोज टंडन शामिल रहे। संवाद के लिए कमिश्नरी सभागार, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यालय और कलेक्ट्रेट में 33-33 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत के पहले भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया और लॉकडाउन में पार्टी संगठन के सेवा कार्यों को बताया।
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