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राष्ट्रपति ने दी एससी/एसटी संशोधन कानून को हरी झंडी, SC के फैसले का महत्व ख़त्म

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राष्ट्रपति ने दी एससी/एसटी संशोधन कानून को हरी झंडी, SC के फैसले का महत्व ख़त्म

सिटी पोस्ट लाइव : एससी/एसटी संशोधन बिल 18 अगस्त को लोकसभा में पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति ने भी हरी झंडी दे दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी करने वाले एससी एसटी संशोधन कानून 2018 को मंजूरी दे दी. अब अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को सताने पर तुरंत मामला दर्ज होगा और गिरफ्तारी होगी. मामला दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की कोई जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है और अभियुक्त को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा  20 मार्च को इस कानून के प्रावधानों में किये गए कई बदलावों के विरोध में देश भर में दलित आन्दोलन शुरू हो गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी मामलों में  आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने से दलित संगठन बेहद खफा थे. इस मुद्दे को लेकर जहां कई दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान कर दिया था वहीँ पासवान जैसे कई सहयोगी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था .

लेकिन अब कानून में संशोधन के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई महत्व नहीं रह गया है, लेकिन फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार की पुनर्विचार याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जिस पर मुख्य फैसला देने वाली पीठ के न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल व यूयू ललित की पीठ सुनवाई कर रही थी और इस पीठ ने फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की सरकार की मांग ठुकरा दी थी. जस्टिस गोयल सेवानिवृत हो जाने के बाद पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए नयी पीठ का गठन होगा.

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