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2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर करेगें शक्ति प्रदर्शन.

पटना से ही 500 गाड़ियों के काफिले के साथ निकलेगें चंपारण के लिए , साथ में होगें MLC .सच्चिदा राय

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश रहे प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को अपना शक्ति परिक्षण करेगें. 2 अक्टूबर से राज्य में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा की शुरुआत प्रशांत किशोर करेंगे.इस यात्रा की शुरुवात गांधी जयंती के दिन 2 अक्तूबर को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू होगी. इस यात्रा की तैयारी जोरशोर से शुरू है. PK पटना से सड़क मार्ग से चंपारण के लिए जायेगें. बताया जा रहा है कि वो इस यात्रा के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करेंगे.

प्रशांत किशोर ने आने वाले 10 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल करने के संकल्प के साथ जन सुराज अभियान के तहत इस पदयात्रा से जुड़ने की अपील की है.प्रशांत किशोर पटना से गाड़ियों के काफिले के साथ चंपारण के लिए निकलेंगे.प्रशांत किशोर पटना से ही अपना शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे.उनकी पद यात्रा में लगभग 500 गाड़ियां होगी. इसके साथ ही चंपारण के रास्ते में लगभग दर्जनभर जगहों पर प्रशांत किशोर छोटी-छोटी सभा करते हुए आगे बढ़ेंगे. हालांकि प्रशांत किशोर ने इस यात्रा में शामिल होने के लिए जो निमंत्रण दिया है, वह 12:00 बजे दिन का है लेकिन जिस तरह की तैयारी दिख रही है, शाम भी हो सकता है.

PK की इस पद यात्रा और मुहिम में छपरा के निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय भी शामिल हो गये हैं.PK के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने और 2025 में PK के साथ मिलकर बड़ी रणनीति के साथ चुनाव में उतरने का दावा कर रहे हैं. पद यात्रा में सच्चिदानन्द राय भी साथ रहेंगे. पिछले दिनों PK ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. उसके बाद प्रशांत किशोर की काफी भद्द पीटी थी. तभी नीतीश कुमार के करीबी रहे प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार के खिलाफ मुहिम छेड़ चुके हैं.

प्रशांत किशोर ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए पेशेवर क्षमता में काम किया था और I-PAC के संस्थापक किशोर ने बाद में अन्य राज्यों में अन्य पार्टियों के चुनाव अभियान के प्रबंधन में व्यस्त रहे.वह वर्ष 2018 में जदयू में शामिल हुए, जब नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। जदयू में शामिल होने के कुछ ही हफ्तों में वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किए गए. लेकिन CAA, NPR, NRC विवाद पर मतभेद को लेकर जदयू से निष्कासित कर दिए गए

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