सिटी पोस्ट लाइव :क्या फिर से नीतीश कुमार राष्ट्रिय स्तर पर अपनी ताकत आजमाना चाहते हैं? क्या अगले लोक सभा चुनाव में वो विपक्ष का चेहरा बनकर PM मोदी की चुनौती बढ़ानेवाले हैं.ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एकबार फिर से देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार पर्शांत किशोर की JDU में वापसी के संकेत मिल रहे हैं.प्रशांत किशोर की शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दिल्ली में हुई मुलाकात राजनीतिक गलियारे में हलचल है. दो वर्षों के बाद पीके की नीतीश कुमार से मुलाकात हुई है. दोनों ने एक साथ रात का भोजन भी किया.
गौरतलब है कि PM मोदी और नीतीश कुमार के लिए काम कर चुके प्रशांत किशोर बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे थे. हाल ही में बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ उनके मनमुटाव की खबर आई थी. पीके को एक समय नीतीश कुमार ने जदयू का उपाध्यक्ष बनाया था. तब नीतीश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे. बाद के दिनों में संसद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष में जदयू के समर्थन पर वे नीतीश कुमार से खफा हो गए थे. नीतीश कुमार के खिलाफ कई ट्वीट भी किए थे.
नीतीश कुमार ने तब कहा था कि भाजपा नेता अमित शाह के कहने पर उन्होंने पीके को अपने साथ लिया था. तब पीके ने कहा था कि नीतीश कुमार सच नहीं बोल रहे. उसके बाद जदयू ने पीके को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. अब पुन: नीतीश के दिल्ली प्रवास के दौरान पीके उनसे मिलने पहुंचे. इस मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि उनसे कोई आज का रिश्ता तो नहीं! पुराना संबंध है. इस मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है. पीके ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद वे पहली बार दिल्ली आए थे. नीतीश कुमार से उन्होंने फोन पर बात की थी तो उन्होंने मुलाकात की इच्छा जाहिर की थी. इसलिए उनसे मिलने पहुंचे थे.
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