सिटी पोस्ट लाइव : भारत एक कृषि प्रधान देश है, और 80% आम नागरिक इसी कृषि पर निर्भर है. क्योंकि इसी से बहुत से आम नागरिकों का जीवन यापन चलता है. लेकिन सरकार की तरफ से किसानों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नही दी जाती है । इसके लिये राज्य सरकार और केंद्र सरकार जो दावा कर ले, लेकिन धरातल कुछ और ही बयान करती है. जी हां किसानों को कोई मुलभुत सुविधा नही मिलती. जिसके बाद कई ऐसे किसान है जो सरकारी व्यवस्था के लिये आस लगाये हुए हैं.
मधुबनी जिले में किसानों के लिये राज्य सरकार जो दावा कर ले, मगर सच्चाई छुप नही सकती है. ऐसा ही एक किसान ने अपना दर्द बयां किया. जिसने प्रधानमंत्री किसान निधि सम्मान योजना के अन्तर्गत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन आठ महीने हो गये, किसी प्रकार की सहायता किसानो को नही मिली. जब हमारे संवाददाता की कैमरे की नजर पड़ी तो किसानों ने सरकार की दावे की पोल खुली.
उधर सरकार के कृषि विभाग के आलाधिकारी किसानों के बेनीफिट के लिये कई तरह से मशक्कत कर रहे है. लेकिन किसानों तक किसी प्रकार की कोई लाभ नही पहुंच रही हैं. बता दे की, निधि सम्मान योजनाओं से हर रजिस्टर्ड किसान को छः हजार रुपये देने हैं ,मगर वो भी सिर्फ शायद कागज के पन्नों पर ही सिमट रही है.
केंद्र सरकार के कृषि मंत्री और बिहार सरकार के कृषि मंत्री चाहे कितने भी सफाई दे दे, मगर हकीकत छुपती नही है. आज भी किसान जो हालात में पहले जी रहे थे. उसी हालात में आज भी जीने को विवश है. बिहार के किसानों की हालात बद से बत्तर ही है. किसी प्रकार की सुधार नही है, जिससे राज्य सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे है.
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