सिटी पोस्ट लाइव : मंत्री बनने के बाद 16 अगस्त को पहली बार बिहार पहुंच रहे केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के भव्य स्वागत की तैयारी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने की है। पटना एयरपोर्ट से लेकर बेली रोड होते हुए जेडीयू मुख्यालय पहुंचने वाले हर रास्ते को पार्टी जनों ने होर्डिंग-पोस्टरों से पाट दिया है। आरसीपी सिंह के स्वागत के इस भव्य तैयारी के बीच सवाल ये भी खड़े हो रहे हैं कि क्या जेडीयू के अंदर दो बड़े नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन की ये तैयारी है।
जेडीयू के शक्ति प्रदर्शन 2.0 में आरसीपी सिंह के स्वागत समारोह में बिहार के हर जिले से उनके स्वागत में जेडीयू कार्यकर्ताओं के पटना आने की तैयारी है। कार्यकर्ताओं की सुविधा के लिए मिलर हाईस्कूल में दोपहर के भोजन की भी व्यवस्था रहेगी। जिसमें दस हजार कार्याकर्ताओं के खाना का इंतजाम किया जा रहा है। पूरा स्वागत समारोह जेडीयू के आधिकारिक सोशल साइट पर लाइव भी चलाया जाएगा। इसको लेकर व्यापक इंतजाम किये गये हैं। आरसीपी सिंह 16 अगस्त को पटना आने के बाद अगले तीन दिनों में पटना के अलावा नालंदा और शेखपुरा के कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
लेकिन इन तमाम कवायदों के बीच बार-बार ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ये जेडीयू के दो नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी है। सवाल भी लाजिमी है क्योंकि जिस तरह पिछले दिनों पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पटना पहुंचे और पटना में उनका भव्य स्वागत किया गया। पटना एयरपोर्ट से लेकर पार्टी मुख्यालय तक पूरा पटना जाम हो गया। हजारों गाड़ियों का काफिला सड़क पर उतरा ।
बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह 6 अगस्त को जब ललन सिंह पटना एयरपोर्ट पहुंचे तो गाजे बाजे के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। खुली जीप में बैंड बाजे का हुजूम और तामझाम इतना कि ललन सिंह को एयरपोर्ट से पार्टी दफ्तर की 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में 3 घंटे लगे।पूरा शहर जाम हो गया था। पार्टी दफ्तर में भी उनका भव्य स्वागत हुआ। पूरे रास्ते और उनके स्वागत का वेबकास्ट हुआ। कई चैनलों ने इसका लाइव कवरेज तक किया।
दरअसल ललन सिंह और आरसीपी के सिंह के बीच खटपट तब शुरु हुई जब राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से आरसीपी को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कौन शामिल होगा ये तय करने का मौका मिला और वे इस मौके को झटकते हुए खुद मंत्री बन बैठे जबकि ज्यादा चर्चा ललन सिंह के नाम की थी। ललन सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के नवाजा गया लेकिन दोनों ही नेताओं जो पहले काफी करीबी हुआ करते थे एक दूसरे के बीच खटास पैदा हो गयी । नतीजतन दोनों ही नेता एक दूसरे को शक्ति प्रदर्शन कर अपनी सियासी ताकत का अहसास कराना चाहते हैं।
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