विशेष-दर्जा को लेकर जेडीयू की आंदोलन की धमकी, तेजस्वी ने कहा- बिहारियों को टोटल बुरबक समझ लिया है क्या?
तेजस्वी का सवालः किससे हक लेकर रहेंगे, बिहारियों को टोटल बुरबक समझ लिया है क्या?
सिटी पोस्ट लाइव: शुक्रवार को अविश्वास मत प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के बहाने यह साफ़ कर दिया है कि बिहार को भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलनेवाला. हालांकि उनके इस एलान से बात बिहार में बिगड़ न जाए,उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि विशेष परिस्थिति में विशेष राज्य की जगह स्पेशल पॅकेज देने का रास्ता निकल सकता है. पीएम के इस बयान से तमतमाई जेडीयू ने अब आंदोलन करने का एलान कर दिया है. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने चेतावनी के लहजे में कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है और वे इसे लेकर रहेंगे.
जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, “जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता हमारा आंदोलन जारी रहेगा. कौन क्या बोलता है, कौन क्या करता है इससे हमलोगों को मतलब नहीं है. प्रधानमंत्री जी क्या बोल रहे हैं, बिहार कैबिनेट के मंत्री क्या बोल रहे हैं. 2006 में विधानमंडल में सर्वसम्मति से सभी दलों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग पर मुहर लगाने का काम किया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि बिहार एक पिछड़ा राज्य है.”
संजय सिंह ने कहा कि प्रति व्यक्ति के आय के मामले में बिहार पिछले पायदान पर है. जेडीयू ने इसको आंदोलन के रूप में लिया. जनता ने हस्ताक्षर किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को ज्ञापन देने का काम किया. हम लोग इसको छोड़ने वाले नहीं हैं. ये हमारा हक है. 14वें वित्त आयोग ने भले इसको विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया हो लेकिन अब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे.
लेकिन जेडीयू के आन्दोलन पर आरजेडी नेता तेजस्वी ने चुटकी ली है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि, ई बताइये, किससे हक़ लेकर रहेंगे जी? ट्रम्प से, पुतिन से अथवा शी जिनपिंग से…?? साहब, ये नौटंकी, ड्रामेबाज़ी और अदाकारी छोड़िए. चंद्रबाबु नायडू की तरह रीढ़ की हड्डी सीधी रख आँखों में आँख डाल बात करिए. कुछ आँखों में पानी बचा है की नहीं या बिहारियों को टोटल बुरबक समझ लिया है?
गौरतलब है कि जब भी चुनाव नजदीक आता है सबको बिहार को विशेष दर्जा की चिंता सताने लगती है. विशेष राज्य का दर्जा के लिए संघर्ष करने को ताकत चाहिए इसलिए नेता विशेष राज्य के दर्जा के बहाने जनता से राजनीतिक ताकत मांगने लगते हैं. लेकिन जैसे ही जनता वह ताकत दे देती है, नेता उसका इस्तेमाल अपने फायदे में करने लगते हैं.अब जब लोक सभा चुनाव सर पर है एकबार फिर से जेडीयू इसको मुद्दा बनाने की ओशिश कर रही है.लेकिन आरजेडी का कहना है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है फिर भी अब नीतीश कुमार किससे विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं. अपनी ही सरकार है, दिला क्यों नहीं देते और अगर इस सरकार में उनकी नहीं चल रही है तो उसे छोड़ क्यों नहीं देते .
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