सियासत का सुपर saturday: लालू से मुलाकात के बाद बड़ा फैसला लेंगे मांझी?
सिटी पोस्ट लाइवः आज शनिवार के दिन को अगर हम बिहार की सियासत का सुपर सैटरडे कहें तो बिल्कुल गलत नहीं होगा क्योंकि वैसे भी शनिवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए बेहद अहम दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन रांची के रिम्स में राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलााकात का दिन होता है। और हाल के दिनों में राजनीतिक मुलाकातें ज्यादा हुई है। महागठबंधन में शामिल तमाम दलों के बड़े नेता रांची के रिम्स जाकर लालू से मिल चुके हैं। रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा तो दो बार मिल आए हैं। तो हर शनिवार को होने वाली इन राजनीतिक मुलाकातों पर सबकी निगाहें टिकी होती है और इंतजार होता है कि मुलाकात से क्या निकलकर सामने आता है। आज की होने वाली मुलाकात भी बेहद अहम है इसलिए आज के दिन को बिहार की सियासत का सुपर सैटरडे कहा जा सकता है। दरअसल आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने वाले हैं। यह मुलाकात इसलिए बेहद अहम है क्योंकि जीतन राम मांझी यह संकेत दे चुके हैं कि अगर महागठबंधन में सीट शेयरिंग में उन्हंे सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिली तो अलग राह ले सकते हैं। उधर जेडीयू-बीजेपी ने पहले हीं आॅफर दे दिया है कि जीतन राम मांझी का एनडीए में स्वागत है। हां लोजपा ने भले हीं नो एंट्री का बोर्ड दिखाया है। कल लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि एनडीए में मांझी की वापसी नहीं होनी चाहिए।
एनडीए में वापसी मांझी की होगी या नहीं होगी उससे ज्यादा अहम सवाल यह है कि मांझी फिर खेमा बदलेंगे या नहीं? क्योंकि उनकी जो डिमांड है वो पूरी होती नहीं दिख रही है और लालू के लिए ‘मांझी’ की डिमांड पूरी करना संभव भी नहीं होगा क्योंकि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी अपने लिए कांग्रेस से एक सीट ज्यादा मांग रहे हैं। जाहिर है तकरीबन एक दर्जन सीटों की मांग जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के लिए कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस को 10 से 11 सीटें मिलने का अनुमान है। मौजूदा स्थिति यह है कि जीतन राम मांझी को उनके डिमांड के मुकाबले उसकी आधी सीटें भी मिलती नहीं दिखायी दे रही, कहा जा रहा है उन्हें महज एक सीटें हीं मिलेगी तो सवाल यह है कि फिर लालू-मांझी की इस मुलाकात से निकलकर आएगा क्या?
क्या जीतन राम मांझीं को लालू आज की मुलाकात के बाद यह साफ कर देंगे कि वे उन्हें कितनी सीटें देने जा रहे हैं और फिर अपेक्षा से बेहद कम सीट मिलने के अंदेशे के बाद मांझी क्या करेंगे? जाहिर है आज की मुलाकात जितनी अहम है उतना हीं अहम है इस मुलाकात से निकलकर आने वाला वो सवाल कि क्या पूर्व सीएम मांझी क्या करेंगे? एनडीए से मोह भंग कर महागठबंधन में शामिल हुए उपेन्द्र कुशवाहा अलग लाइन लेकर दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं तो महागठबंधन की जीत के लिए सब कुछ त्याग देने की बात कहने वाले मांझी भी लालू दरबार में हाजिरी लगा कर अपना रुतबा बरकरार रखना चाहते हैं.
एनडीए को पटखनी देने के लिए एक भी सीट नहीं मांगने वाले मांझी को अब लगने लगा है कि बिहार में उनकी पार्टी की हैसियत कांग्रेस से ज्यादा है. इसलिए वो कांग्रेस के बराबर सीट की दावेदारी ठोकने में लगे हैं. मांझी की दावेदारी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस मांझी के बयानों को तवज्जों नहीं देती. बीजेपी को यह पता है कि मांझी को महागठबंधन में वेट नहीं मिल रहा है. इसलिए बीजेपी ने भी मांझी को एनडीए में आने का ऑफर दे दिया है.बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि भाजपा जीतन राम मांझी का पूरा सम्मान करती है और आगे भी करती रहेगी. अगर वह राजग में आना चाहते हैं तो हम सब उनका स्वागत करेंगे .
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