थाने का इस्पेक्टर खुद निकला शराब का तस्कर, सरकारी क्वार्टर को ही बना रखा था शराब का गोदाम
सिटी पोस्ट लाइव – जब रक्षक ही बन जाय भक्षक तो व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है. जिसके कंधे पर बिहार सरकार ने शराबबंदी का जिम्मा सौप रखा है वह खुद इस कार्य में संलिप्त हो तो सरकार की सारी योजनाएं धरी की धरी रह जाती है. जी बात ही कुछ ऐसी है. बिहार सरकार ने जिस साहस एवं शिद्दत के साथ शराबबंदी को लागू किया था वह काबिले तारीफ़ है . लेकिन कुछ भ्रष्ट प्रशासनिक लोगों ने शराब बंद करने की जगह इसको अपना धंधा बना लिया. ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है. जहां पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई चल रही है. जिले के मोतीपुर थाने के थानेदार इंस्पेक्टर अमिताभ के खिलाफ यह कार्रवाई चल रही है. मद्यनिषेध विभाग पटना की टीम इंस्पेक्टर अमिताभ के काले कारनामों को लेकर मोतीपुर थाना, थानेदार के सरकारी आवास और उससे संबंधित सभी ठिकानों पर छापामारी कर रही है.
इस्पेक्टर अमिताभ पर पुलिस द्वारा जब्त शराब बेचने और शराब माफिया से सांठगांठ का आरोप है. कार्रवाई शुरू होते ही थानेदार इंस्पेक्टर थाना छोड़कर फरार हो गया है. एसएसपी मनोज कुमार ने इस मामले में अमिताभ को निलंबित कर दिया है. थानेदार सरकारी मोबाइल लेकर फरार है. छापेमारी में जिले के एसएसपी, डीएसपी वेस्ट, एसडीओ वेस्ट समेत कई थानों की पुलिस शामिल है. बीती रात करीब 11.30 बजे मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में थानेदार के सरकारी आवास का ताला तोड़ा गया जिसमें से भारी मात्रा में शराब और नगद बरामद किया गया. उसके बाद थाने के सभी पुलिस वालों को कब्जे में लेकर मालखाना भी खंगाला गया. पिछले कई सालों में थाने में जब्त शराब का मिलान मालखाने में मौजूद शराब से किया जा रहा है.
अमिताभ के फरार हो जाने पर पूर्व थानेदार इंस्पेक्टर सुभाष प्रसाद को बुलाया गया है जो अभी सकरा में सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. अमिताभ ने मोतीपुर में थानेदारे के काफी कम समय में हीं अपना नेक्सस तैयार कर लिया था. मोतीरपुर में उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापामारी जारी है. इस बीच अधिकारी कोई भी बात बताने से मना कर रहे हैं. एसएसपी मनोज कुमार ने कहा है कि -“छापामारी पूरी हो जाने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी.”
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने तमामों विरोधों के बावजूद शराबबंदी को लागू किया है. यह भी ख़बरें यदा-कदा आती रहती हैं कि बिहार में शराब बंद तो नहीं हुआ बल्कि इसकी होम डिलीवरी शुरू हो गई है. अब घर बैठे लोग शराब मंगवाने लगे हैं. लेकिन यह बात पुरी तरह से सत्य भी नहीं है. इसके सफल परिणाम भी आने लगे हैं. अब शराब पीनेवाले लोग इस पैसे का उपयोग बच्चों के शिक्षा एवं रहन –सहन पर करने लगे हैं. हालांकि इस शराबबंदी से बिहार सरकार को राजस्व की काफी हानी भी हुई है.
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