JDU ने की PM मोदी की तारीफ, कहा- पीएम मोदी ने दिखा दिया कि उनका सीना 56 इंच का है
सिटी पोस्ट लाइव : भारत ने पुलवामा हमले का जवाब पाकिस्तान को दे दिया है. एक बार भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है. यानि वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाये हैं और उन ठिकानों को पूरी तरह नेस्तानाबूद कर दिया है जिसे आतंकियों ने अपना अड्डा बना रखा था. अब लगातार राजनीतिक दलों से इस एयर स्ट्राइक की तारीफ हो रही है. जहां पहले तेजस्वी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए सेना को सैल्यूट किया, वहीँ JDU ने पीएम मोदी की तारीफ की है. JDU के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिखा दिया कि उनका सीना 56 इंच का है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जैश ने हमारे 42 जवानों को कायराना तरीके से शहीद किया था, लेकिन आज देश के जवाज़ जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के कैम्प को नेस्तनाबूत कर दिया.
बता दें इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ख़ुशी जाहिर की है. तेजस्वी ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर देश के जवानों को सैल्यूट किया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा. हम भारतीय वायुसेना और उनके पायलटों को सैल्यूट करते हैं. हमें अपनी सेना और जवानों पर गर्व है. गौरतलब है कि भारत ने अपने 42 जवानों का बदला आतंकियों से लिया है. जिसपर पूरे देश में ख़ुशी की लहर है. आज का दिन होली दिवाली से कम नहीं है. जिन शहीदों के परिजनों के आंसू रुक नहीं रहे थे, उन्हें आज आराम मिला है.
बताते चलें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। यानि वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाये हैं और उन ठिकानों को पूरी तरह नेस्तानाबूद कर दिया है जिसे आतंकियों ने अपना अड्डा बना रखा था। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। भारत में लगातार इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की मांग उठ रही थी। इसी बीच आज सुबह भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पारकर आतंकी कैंप को ध्वस्त कर दिया है।
आतंकी कैंप पर 1000 किलो बम गिराए गए। इस अभियान में 12 मिराज विमानों ने हिस्सा लिया।श् इससे पहले पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर आसिफ गफूर ने आरोप लगाया था कि भारतीय वायुसेना का विमान एलओसी पार करके पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुस आया था। जिसका पाकिस्तानी सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और वायुसेना को वापस लौटना पड़ा।
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