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भोला सिंह को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, राजकीय सम्मान के साथ कल अंतिम संस्‍कार

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भोला सिंह को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, राजकीय सम्मान के साथ कल अंतिम संस्‍कार

सिटी पोस्ट लाइव : बेगूसराय से भाजपा सांसद भोला प्रसाद सिंह का निधन शुक्रवार की रात करीब 9.30 बजे दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में हो गया. वे करीब 79 वर्ष के थे तथा कुछ समय से बीमार थे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक बड़े नेताओं ने श्रद्धांलजि दी. पीएम ने भोला सिंह के शव का अंतिम दर्शन कर अपनी संवेदना वक्त की. उन्होंने ट्विटर पर भी भोला बाबू के निधन को गहरा आघात बताया. पीएम ने लिखा है वो अपनी असाधारण समाज सेवा की भावना और बिहार के विकास के लिए किए गए प्रयासों के लिए हमेशा जाने जाएंगे. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार, शुभचिंतकों और समर्थकों के साथ है.

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भोला बाबू के निधन पर शोक जताया था. नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि भोला सिंह राजनीति में अपनी सुचिता और सरल हृदय के लिए जाने जाते थे. सामाजिक कार्यो में उनकी गहरी अभिरुचि थी और वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति और उनके परिजनों, प्रशंसकों एवं समर्थकों से दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
3 जनवरी 1939 को बेगूसराय गढ़पुरा के दुनही गांव में जन्मे भोला बाबू बीजेपी में आने से पहले दूसरे दलों में भी रहे. एक प्रवासी राजनेता के तौर पर उन्होंने घर बदलते हुए अपनी राजनीतिक यात्रा पूरी की. अपने पांच दशक से ज्यादा के राजनीतिक सफर में वह पहली बार 1967 में वाम दलों के समर्थन से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए. डाॅ भोला सिंह किसी भी मुद्दे को अपने ढंग से सदन में रखते थे. उनके भाषण को मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री बड़े गौर से सुनते थे. भोला सिंह के कार्यक्रम में दिए भाषण को लोग हर शब्द याद रखते थे. 
बता दें बिहार के शहरी विकास मंत्री भी रह चुके भोला सिंह लेफ्ट के समर्थन से पहली बार 1967 में बेगूसराय से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. भोला सिंह 8 बार बेगुसराय से विधायक चुने गए. 2009 में नवादा और 2014 में बेगुसराय से सांसद बने. वह बिहार के शिक्षा मंत्री और विधान सभा के उपाध्यक्ष भी रहे. सन् 2000 से 2005 के बीच वे बिहार विधान सभा के डिप्टी स्पीकर भी रहे थे. आगे वे भाजपा से सांसद बने. उन्होंने नवादा संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता. वे इतिहास के प्रोफेसर भी रह चुके थे। उनके निधन पर भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने शोक व्यक्त किया है.

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