सिटी पोस्ट लाइव ( शिक्षा प्रतिनिधि): बिहार बोर्ड के स्थाई चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर पटना हाईकोर्ट बेहद नाराज है. पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार 18 सितंबर तक बिहार बोर्ड के नियमित अध्यक्ष की बहाली कर लेने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कामकाज करने के तरीके पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि आजकल जो कुछ बिहार बोर्ड में हो रहा है, ठीक नहीं है.
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि बिहार बोर्ड कबतक बिना अध्यक्ष के चलता रहेगा. कोर्ट ने कहा कि जो योग्य नहीं थे उन्हें बिहार बोर्ड में टॉपर बना दिया गया, और यह देश की टॉप खबर बन गई. राज्य की ही छवि खराब हो गई. कोर्ट ने कहा कि ये उदासीन रवैया नहीं चलेगा. बिहार बोर्ड की व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है और उसके लिए नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति जरुरी है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस डॉ रवि रंजन की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार, अदालत के आदेश का भी पालन नहीं करती है. खंडपीठ ने कहा कि बिहार बोर्ड में फुल टाइम अध्यक्ष की बहाली का आदेश मार्च में ही दिया गया था जिसे आजतक पूरा नहीं किया गया.
राज्य का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता आशुतोष रंजन पांडेय ने कोर्ट को बताया कि अच्छे अध्यक्ष की तलाश जारी है. तलाश पूरी होते ही कानून के तहत बहाली कर दी जाएगी. वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार बोर्ड के इंचार्ज अध्यक्ष आनंद किशोर सही से जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे हैं. कई मामले उनके सामने आते हैं. जिनमें एक ही छात्र को दो- दो एडमिट कार्ड जारी किया जाना, एडमिट कार्ड पर लड़का का नाम और फाइनल रिजल्ट में लड़की का नाम छप जाना, तस्वीरों का गलत हो जाना, कई तरह कि अनियमितता का भी हवाला दिया गया. कोर्ट ने इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अब इस मामले पर अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी.
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