कोरोना काल में मौतों का आंकड़ा सार्वजनिक करने का पटना हाई कोर्ट ने दिया आदेश
सरकार को हाईकोर्ट ने दिया 24 घंटे का वक्त, सार्वजनिक करना होगा कोरों से हुई मौतों का आंकड़ा.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना महामारी अब कण्ट्रोल में है.धीरे धीरे बिहार अनलॉक हो रहा है.पिछले 10 दिनों से बिहार में जहां प्रतिदिन 500 से कम नये मरीज मिल रहे हैं, वहीं मौतों के सिलसिले में भी काफी गिरावट आई है. हालांकि मौत के सही आंकड़े सार्वजनिक किए जाने को लेकर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पटना हाईकोर्ट ने कोरोना काल के दौरान हुई मृत्यु के आंकड़े आम जनता को उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा है कि जन्म-मृत्यु से संबंधित आंकड़ों के बारे में जानना नागरिकों का मौलिक अधिकार है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जन्म-मृत्यु से जुड़े सभी आंकड़े डिजिटल पोर्टल के जरिए नागरिकों को उपलब्ध हो सकें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जन्म और मृत्यु के निबंधन एक्ट, 1969 के तहत हर नागरिक को डिजिटल पोर्टल का सूचना पाने का अधिकार है. इन डिजिटल पोर्टल को नियमित और समय समय अपडेट किया जाना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान की मौलिक अधिकार के धारा 21 अन्तर्गत नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार है. कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि Covid 19 के दौरान हुए सभी प्रकार मृत्यु का विवरण रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन आंकड़ों को आम लोगों को उपलब्ध कराना इसलिए भी जरूरी है ताकि मृतक के परिजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. अदालतत ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि वार्षिक रिपोर्ट भी 2018 के बाद अपलोड नहीं किया गया है. कोर्ट ने इसे दो महीने के अंदर अपलोड करने का निर्देश दिया.अदालत द्वारा जनप्रतिनिधियों को भी कहा गया कि उनको भी अपने क्षेत्र में हुई मृत्यु के बारे में 24 घंटे के भीतर जानकारी देने का दायित्व है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आम आदमी को डिजिटल पोर्टल के संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया, ताकि वे इसका लाभ उठा सकें.
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