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तेजस्वी यादव के बंगले पर 7 जनवरी को पटना हाईकोर्ट करेगा फैसला  

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तेजस्वी यादव के बंगले पर 7 जनवरी को पटना हाईकोर्ट करेगा फैसला  

सिटी पोस्ट लाइव – बिहार में राजद सुप्रीमों के पुत्र एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बंगला विवाद पर जल्द ही फैसला आनेवाला है. यह फैसला पटना हाईकोर्ट की तरफ से 7 जनवरी को आएगा. चीफ़ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है. इसके पहले सिंगल बेंच ने तेजस्वी यादव को बंगला खाली करने के सरकारी आदेश को सही करार देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इस आदेश को चुनौती देते हुए तेजस्वी यादव ने अपील दायर की थी.जिस पर हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच ने सुनवाई पूरी की और अब ये फैसला 7 जनवरी तक सुरक्षित रखा है.

दरअसल तेजस्वी यादव पटना के 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित उस बंगले में रहते हैं जो उपमुख्यमंत्री के लिए चिन्हित किया गया है. जब वे बिहार के डिप्टी सीएम थे तो उस हैसियत से उन्हें यह बंगला एलॉट किया गया था. लेकिन हाल में बिहार सरकार ने बंगला खाली करने को कह दिया है. बात यहाँ तक आ गई थी कि पुलिस उनके बंगले को खाली कराने पहुँच गई थी. लेकिन कोर्ट का इश्तेहार चिपका हुआ देखकर वापस लौटना पड़ा था. भवन निर्माण मंत्री की तरफ से इस मुद्दे पर कई बार बयान भी दिया गया था. राजद के नेता एवं कार्यकर्ता ने भी वहाँ पहुंचकर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.

दूसरी बात यह है कि अभी बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी हैं और वे एक पोलो रोड में आवंटित बंगले में रहते हैं. यह वो बंगला है जो नेता प्रतिपक्ष के लिए चिन्हित किया गया है. जाहिर है तेजस्वी यादव इस बंगले में रह सकते हैं. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर पेंच है क्या. तो बात यह है कि जब तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम की हैसियत से थे तो उन्होंने अपने बंगले की साज -सज्जा पर विशेष ध्यान दिया था. करोड़ों रुपये खर्च कर बंगले को रेनोवेट किया गया था. एक-एक सोफे की कीमत 50-50 हजार तक कही जाती है. इसी तरह अन्य कीमती सामान भी तेजस्वी ने अपनी पसंद से लगवाए हैं. बता दें कि सेंट्रल पूल के आवास मंत्रियों के लिए होते हैं और उसे आवंटित करने के लिए भवन निर्माण विभाग अनुशंसा करती है. इनमें मंत्री और जज समेत वीवीआईपी शामिल होते हैं. बाकी विधायकों के लिए आवास का आवंटन विधानसभा अध्यक्ष या विधान परिषद के सभापति करते हैं. लेकिन यहाँ राजद् ने भी सवाल उठाया है तथा एनडीए के वैसे बंगलों की लिस्ट जारी की है जो अनुचित तरीके से रह रहे हैं.

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