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पटना डीएम -एसएसपी को ये क्या हो गया, इनके इस रूप को देख उठे कई सवाल

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सिटी पोस्ट लाइव : राजधानी पटना से लेकर नौबतपुर  के हर चौक चौराहे पर पटना डीएम कुमार रवि और एसएसपी मनु महाराज के बारे में ही चर्चा हो रही है. लोग हैरान हैं. सबके जेहन में एक ही सवाल-“ डीएम-एसपी को क्या हो गया ? किसने कर दिया इन्हें पैदल ? गाड़ियों के काफिले के साथ सुरक्षा घेरे में चलनेवाले इस डीएम एसपी का किसने ये हाल कर दिया ? उनके इन सवालों का जबाब किसी के पास नहीं था .

दरअसल,  जिलाधिकारी कुमार रवि और वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज रविवार को पटना, नौबतपुर और मसौढी में साइकिल पर सवार होकर गावं की गलियों और खेतों में घूमते नजर आये .न कोई तामझाम ना ही कोई सुरक्षा .पटना से साइकिल पर डीएम एसएसपी दोनों साइकिल पर सवार हुए और निकल पड़े . दोनों फुलवारीशरीफ के एम्स गोलंबर से नौबतपुर होते हुए मसौढ़ी तक पहुँच गए .साइकिल पर डीएम-एसएसपी को देखने लोगों की भीड़ उमड़ गई .जहाँ भी पहुंचे लोग हैरत भरी नज़रों से उन्हें देख रहे थे.

साइकिल यात्रा सुबह पांच बजे प्रारंभ हुई और मसौढ़ी 7.15 बजे पहुंचे. करीब 32 किलोमीटर की दूरी सवा दो घंटे में अधिकारियों ने तय की. मसौढ़ी में वाहन पर सवार हुए और उलार सूर्य मंदिर में दर्शन करते हुए अधिकारी पटना वापस आ गए. लोगों को इनकी इस साइकिल यात्रा का मकसद तो समझ में नहीं आया लेकिन इन्होने खुद मकसद बता दिया .जिलाधिकारी ने बताया कि साइकिल यात्रा कई मायने में महत्वपूर्ण रही. स्वच्छता अभियान का सच सामने आ गया ,खुले में लोग शौच करते नजर आये . कृषि का भी हाल चाल भी जान लिया .बारिश के इंतजार में धान की रोपनी शुरू नहीं हो पाई है . पुनपुन नदी में पानी ही नहीं है .यानी इस साइकिल यात्रा का मकसद स्वच्छता अभियान, किसानों की समस्या से लेकर कानून व्यवस्था का जायजा लेना था .

इतना ही नहीं लगे हाथ अपनी साइकिल सवारी को देखने आये लोगों से  जिलाधिकारी कुमार रवि  परंपरागत सवारी साइकिल को अपनाने की अपील भी कर आये. लंबे अंतराल के बाद साइकिल चलाने का आनंद भी ले लिया और आम जनता के बीच ये संदेश भी दे आये कि जनता के हाल को जानने के लिए अब सरकारी बाबू  एसी दफ्तर से बाहर निकल आये हैं और  जन समस्या को करीब से समझने के लिए एसी कार छोड़  गावं की पगडंडियों पर साइकिल दौड़ा  रहे हैं.लोगों को ये प्रयोग रिझा गया लेकिन अगले क्षण उनकी खुशी  ये सोंच कर फुर्र हो गई कि ये तो सच्चाई नहीं बल्कि प्रतीकात्मक कारवाई है. काश !  डीएम एसपी के लोगों के बीच साइकिल से घूमने की यह प्रतीकात्मक कारवाई एक परम्परा बन जाती.

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