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घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण के चार घंटे बाद चलने लगते हैं मरीज : डॉ. आशीष

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सिटी पोस्ट लाइव : डॉ. आशीेष सिंह का जन्म इंग्लैंड में हुआ है। लेकिन स्कूलिंग भारत के ग्वालियर शहर में हुई। एमबीबीएस नागपुर विश्वविद्यालय से किया जबकि एमएस पुणे से। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स एमसीएच स्कॉटलैंड से किया। उसके बाद जर्मनी, अमेरिका, आयरलैंड, साउथ कोरिया, स्वीडन आदि देशों में ट्रेनिंग ली। भारत में सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और कूपर हॉस्पिटल में सेवा दी। डॉ. आशीष ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वर्ष 2015 में भारत आए और पटना में अपने पिता प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरएन सिंह के साथ लोगों का इलाज करना शुरू किया।

पहली बार इन्होंने ही पूर्वोत्तर भारत में जोड़ प्रत्यारोपण के लिए रोबोटिक सर्जरी शुरू की। आज ये दक्षिण एशिया में जोड़ प्रत्यारोपण में रोबोटिक सर्जरी का नेतृत्व करते हैं। इन्हें विभिन्न देश अपने यहां जोड़ प्रत्यारोपण में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए आमंत्रित करता रहता है। देश और दुनिया के विभिन्न देशों के मेडिकल कॉलेज, इंस्टीट्यूट या अस्पताल में गेस्ट फैकल्टी हैं। इनका कंकड़बाग में अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड रिहेबिलिटेशन है। यहां सुपर स्पेशियलिटी कोर्स डीएनबी भी होता है। यह इंस्टीट्यूट एनएबीएच से प्रमाणित है।

प्रश्न: हड्डी से संबंधित मुख्य रोग कौन-कौन से हैं?
उत्तर: गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, गाउट आर्थराइटिस आदि हड्डी से संबंधित मुख्य रोग हैं।

प्रश्न: किन-किन कारणों से हड्डियां कमजोर होती हैं?
उत्तर: बदलती जीवनशैली हड्डी कमजोर होने का मुख्य कारण है। आज हम कमरे में बंद हो गए हैं और जंक फूड खा रहे हैं। मोटापा, धूम्रपान और गुटखा का सेवन भी हड्डी के कमजोर होने का कारण हैं। हमारा खाना अच्छा नहीं होता है।

प्रश्न: कूल्हा और घुटने में दर्द की समस्या लोगों में बढ़ रही है। क्या कारण हो सकता है?
उत्तर: बदलती जीवनशैली, मोटापा और गलत खानपान की वजह से यह समस्या बढ़ रही है। इसके अलावा उम्र के हिसाब से घुटना और कूल्हा घिसता है। लोगों की औसत आयु बढ़ गई है। इस वजह से भी यह समस्या ज्यादा दिखाई दे रही है।

प्रश्न: कूल्हा और घुटना के दर्द की समस्या का निदान क्या हो सकता है?
उत्तर: इसके लिए दो-तीन बातों का ख्याल रखना होगा। मसलन, नियमित व्यायाम करना और वजन नियंत्रित रखना। डॉक्टर की सलाह भी समय-समय पर लेती रहनी चाहिए ताकि समय से समस्या पकड़ी जा सके और उसे धीमा किया जा सके।

प्रश्न: घुटना एवं कूल्हा प्रत्यारोपण की नौबत कब आती है?
उत्तर: जब दर्द इतना बढ़ जाए कि हर रोज दर्द निवारक गोलियां खानी पडे़ तथा रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होने लगे तो प्रत्यारोपण आवश्यक हो जाता है।

प्रश्न: आपके अस्पताल की क्या खासियत है?
उत्तर: अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड रिहेबिलिटेशन जोड़ प्रत्यारोपण के लिए विशेष अस्पताल है। यहां हर वर्ष 500 से ज्यादा जोड़ का प्रत्यारोपण होता है। मैं ही हर रोज चार से पांच प्रत्यारोपण करता हूं। यहां 24 घंटा ट्रामा सेंटर क्रियाशील रहता है। यहां डीएनबी की पढ़ाई भी होती है। आयुष्मान भारत के तहत भी यहां इलाज होता है। मेरे यहां अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान आदि देशों से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से भी लोग यहां इलाज कराने आते हैं।

प्रश्न: प्रत्यारोपण में कितना समय लगता है?
उत्तर: एक घुटना या एक तरफ का कूल्हा प्रत्यारोपण में 40 से 45 मिनट का समय लगता है। ऑपरेशन के चार घंटा बाद ही मरीज पैर पर पूरा दबाव डालकर चलने लगता है।

प्रश्न: लेकिन दूसरे जगह तो एक घंटा से ज्यादा समय लगता है प्रत्यारोपण में।
उत्तर: सही बोला आपने। अधिकांश जगह एक घंटा से ज्यादा समय लगता है। लेकिन मैं 40-45 मिनट में कर देता हूं। मैं दोनों घुटना और दो तरफ का कूल्हे का प्रत्यारोपण एक साथ करता हूं जबकि अन्य जगह एक बार में एक ही करते हैं। दरअसल, मैं रोबोट की मदद से सर्जरी करता हूं। इस वजह से 100 प्रतिशत सटीकता रहती है। चीरा कम लगता है और खून कम बहता है। ऊतक को कम से कम नुकसान होता है। पूर्वी भारत में अनूप इंस्टीट्यूट पहला अस्पताल है जहां रोबोट की सलाह से सर्जरी शुरू की गई।

प्रश्न: प्रत्यारोपण में क्या खर्च आता है?
उत्तर: एक घुटना या एक तरफ के कूल्हा प्रत्यारोपण में डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है।

प्रश्न: आपके संस्थान या अस्पताल में कितने विभाग हैं?
उत्तर: स्पाइन, दूरबीन, प्रत्यारोपण यूनिट और ऑर्थोपेडिक ऑनकोलॉजी। यहां ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी (हड्डी का कैंसर) का भी इलाज होता है। जिस अंग की हड्डी में कैंसर होता है मैं ऑपरेशन कर के उसे बदल देता हूं।

प्रश्न: क्या कोरोना की वजह से लोगों की हड्डियां कमजोर हुई हैं?
उत्तर: बिल्कुल। कोविड होने के बाद लोगों को स्टेरॉयड काफी दिया गया। यह हड्डी को कमजोर करता है।

प्रश्न: कोरोना रोधी टीका कितना जरूरी है?
उत्तर: बहुत जरूरी है। मैंने तो ट्रायल के समय ही टीका लिया था। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है। मैं सभी लोगों से अनुरोध करूंगा कि वो कोरोना का टीका जरूर लगाएं तभी इस महामारी से मुक्ति मिलेगी। अन्यथा यह परेशान करती रहेगी।

प्रश्न: आपकी हॉबी क्या है?
उत्तर: अंग्रेजी और हिंदी गाना सुनना पसंद करता हूं। मेरे ऑपरेशन थियेटर में भी गाना बजता रहता है। मैं हल्की म्यूजिक पसंद करता हूं।

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