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“बिहार चुनाव विशेष” बेहद खास है पाटलिपुत्र का चुनावी महासंग्राम, क्या होगा मीसा भारती का?

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“बिहार चुनाव विशेष” बेहद खास है पाटलिपुत्र का चुनावी महासंग्राम, क्या होगा मीसा भारती का?

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार का पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टिकोण से काफी समृद्ध रहा है और देश सहित विदेश को भी कई तरह के संदेश देता रहा है ।इस लोकसभा चुनाव में भी,यह सीट पूरे देश की नजरों में है ।हाईप्रोफाइल और बेहद हॉट पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में इसबार भाजपा और राजद के बीच में कड़ी टक्कर है ।बिहार के इस महत्वपूर्ण लोकसभा सीट से भाजपा के सिटिंग सांसद रामकृपाल यादव के सामने राजद की मीसा भारती,फिर से चुनौती प्रस्तुत कर रही हैं ।राजद के लिए पाटलिपुत्र सीट शुरू से ही एक अबूझ पहेली बनी हुई है ।एकतरफ जहां 2014 में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की डॉक्टर बेटी मीसा भारती,भाजपा के राम कृपाल यादव से चुनाव में हार चुकी हैं, तो दूसरी तरफ राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को भी इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है ।

जातीय समीकरण की बात करें,तो यह संसदीय क्षेत्र यादव बाहुल्य क्षेत्र है ।जातीय समीकरण राजद के पक्ष में होने के बावजूद,इस संसदीय क्षेत्र से भूमिहार मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं ।जाहिर तौर पर,हार और जीत की पटकथा भूमिहार जाति के लोग हर चुनाव में लिखते रहे हैं ।पाटलीपुत्र लोकसभा सीट बिहार की 40 सीटों में से एक बेहद महत्वपूर्ण सीट है ।यह संसदीय क्षेत्र पटना जिला में पड़ता है ।2008 तक पटना में सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र पाटलिपुत्र हुआ करता था लेकिन परिसीमन के बाद यहां दो सीटें हो गईं ।एक लोकसभा क्षेत्र शहर के प्राचीन नाम पाटलीपुत्र के नाम पर बना रहा और दूसरा लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब के नाम से बनाया गया ।पटना साहिब वह संसदीय क्षेत्र है,जहाँ से सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा लगातार चुनाव जीतते रहे हैं ।पाटलीपुत्र में तकरीबन साढ़े 16 लाख मतदाता हैं जिनमें 5 लाख यादव और साढ़े चार लाख भूमिहार हैं ।पाटलीपुत्र की विधानसभा सीटों की बात करें तो,इस संसदीय क्षेत्र में छः विधानसभा सीटें हैं ।

दानापुर, मनेर,फुलवारी,मसौढ़ी,पालीगंज और बिक्रम ।इन विधानसभा सीटों में फुलवारी और मसौढ़ी एस.सी.आरक्षित सीटें हैं। दानापुर विधानसभा सीट से पिछले दो विधानसभा चुनाव 2010 और 2015 में बीजेपी की उम्मीदवार आशा देवी ने लगातार दो बार जीत दर्ज की है ।मनेर सीट से आरजेडी के कद्दावर नेता भाई वीरेन्द्र 2010 और 2015 में लगातार जीते ।फुलवारी से जेडीयू के नेता श्याम रजक अभी विधायक हैं जो कभी लालू यादव के बेहद खास हुआ करते थे ।मसौढ़ी विधानसभा सीट पर फिलहाल आरजेडी का कब्जा है ।यहां से रेखा देवी विधायक हैं ।

पालीगंज सीट भी आरजेडी के खाते में है और जयवर्धन यादव यहाँ से विधायक हैं ।बिक्रम विधानसभा सीट कांग्रेस के पाले में है और सिद्धार्थ कुमार वहां से विधायक हैं ।सीटों का गणित देखें तो यह पूरा ईलाका,आरजेडी का गढ़ है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता रामकृपाल यादव जीत कर संसद पहुंचे ।राम कृपाल यादव,लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक पाठशाला की उपज हैं ।करीब तीन दशक तक राम कृपाल यादव,लालू प्रसाद यादव के हनुमान बनकर उनका सियासी झोला संभालते रहे हैं ।लालू प्रसाद यादव ने कभी भी राम कृपाल यादव को स्वतंत्र ढंग से राजनीति नहीं करने दी ।

कभी भी कहीं से उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया ।राम कृपाल यादव ने लालू प्रसाद यादव से 2014 में पाटलिपुत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की ईच्छा जाहिर की ।लेकिन लालू प्रसाद यादव ने राम कृपाल को पायजामे में रहने की नसीहत देते हुए,अपनी बेटी डॉक्टर मीसा भारती को पाटलिपुत्र से राजद का उम्मीदवार घोषित कर दिया ।राम कृपाल यह बेईज्जती बर्दास्त नहीं कर पाए और तीन दशक की अपनी राजद और लालू भक्ति से मोह तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया ।बीजेपी ने दल बदलने का ईनाम देते हुए रामकृपाल को पाटलिपुत्र से अपना उम्मीदवार बनाया ।राम कृपाल ने इस चुनाव में मीसा भारती को पटखनी देकर अपनी राजनीतिक जिंदगी को एक नई पहचान दिलाई ।

2009 और 2014 का संसदीय चुनाव

इस सीट पर 2009 में जदयू के रंजन प्रसाद यादव जीते जबकि 2014 में बीजेपी के राम कृपाल यादव विजयी रहे ।रामकृपाल यादव ने राजद छोड़कर बीजेपी का दामन थामा और बड़ी जीत हासिल की थी ।रामकृपाल यादव को 3,83,262 वोट मिले थे जो कुल वोट का 39.16 प्रतिशत था ।उन्होंने राजद प्रत्याशी,लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती को हराया जिन्हें 3,42,940 मत मिले जिसका मत प्रतिशत 35.04 था ।तीसरे स्थान पर जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव रहे जिन्हें 97,228 वोट मिले ।इस चुनाव में सीपीआई (एमएल) प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद को 51,623 वोट मिले थे ।

इस संसदीय क्षेत्र का 2009 का मुकाबला बेहद दिलचस्प था । इस सीट से जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव ने लालू प्रसाद यादव को हराकर,राजनीतिक भूचाल ला दिया था ।रंजन प्रसाद को 2,69,298 (42.86 प्रतिशत) वोट मिले थे जबकि लालू प्रसाद यादव को 2,45,757 (39.12 प्रतिशत) वोट मिले थे । पिछली बार की तरह इस बार भी मीसा भारती इस सीट से किस्मत आजमा रही हैं ।मीसा फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं ।बताना लाजिमी है कि मीसा भारती बिहार एम.बी.बी.एस.की टॉपर छात्रा भी रह चुकी हैं ।उन्हें हराने वाले बीजेपी के राम कृपाल यादव केंद्र में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री हैं ।इस बार पाटलिपुत्र का चुनाव महागठबन्धन के लिए शाख और ईज्जत बचाने लिए बेहद चुनौती भरा है ।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मनेर के राजद विधायक भाई वीरेंद्र,पाटलिपुत्र सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मीसा भारती के राज्यसभा सांसद रहने के बाद भी,उन्हें इस सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया ।इस बात को लेकर भाई वीरेंद्र अंदर से बेहद खफा हैं ।कयास यह लगाया जा रहा है कि भाई वीरेंद्र मीसा भारती को अंदर-अंदर हराने का खेल जरूर खेलेंगे ।यही नहीं, महागठबन्धन में राजद और कांग्रेस का सम्बन्ध बेहद मधुर नहीं हैं,जिसका असर भी इस चुनाव पर पड़ना तय है ।कुलमिलाकर इस सीट पर भीतरघात की आशंका प्रबल है ।हमने पाटलिपुत्रा के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया और जनता के मन को गम्भीरता से टटोला है ।इस सीट पर राम कृपाल यादव और मीसा भारती के बीच कांटे की टक्कर है लेकिन राम कृपाल यादव राजद के गढ़ में भी सेंधमारी करते दिख रहे हैं ।तमाम अवलोकन से हम इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि राम कृपाल यादव का पलड़ा भारी है और वे फिर से संसद पहुँच सकते हैं ।

पीटीएन न्यूज मीडिया के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “विशेष चुनाव विश्लेषण”

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