कुशवाहा को लेकर सबसे ज्यादा परेशान हैं LJP सुप्रीमो पासवान, जानिए क्यों?
सिटी पोस्ट लाइव (कनक प्रत्यूष ) : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो की बीजेपी-जेडीयू के साथ चल रही लड़ाई से सबसे ज्यादा चिंतित एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान हैं.उपेन्द्र कुशवाहा रामविलास पासवान के लिए बहुत मायने रखते हैं.उनके संसदीय क्षेत्र हाजीपुर और उनके भाई रामचंद्र पासवान के संसदीय क्षेत्र समस्तीपुर में कुशवाहा मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है. हाजीपुर लोक सभा क्षेत्र में आनेवाले 6 विधान सभा क्षेत्रों में 1 लाख 61 हजार कुशवाहा मतदाता हैं. हाजीपुर ही नहीं, उपेंद्र कुशवाहा फैक्टर समस्तीपुर में रामविलास पासवान के अनुज रामचंद्र पासवान को भी परेशान कर देगा. उस क्षेत्र में भी कुशवाहा वोटरों की अच्छी संख्या है. 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद रामचंद्र पासवान किसी तरह जीत पाए थे. वोट का मार्जिन छह हजार से कम था. कुशवाहा वोटरों की नाराजगी की हालत में समस्तीपुर से रामचंद्र की जीत भी आसान नहीं होगी.
जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा के NDA से अलग होने के बाद रामविलास पासवान की पार्टी की चुनौती बढ़ जायेगी. रामचंद्र पासवान की चिंता भले पासवान छोड़ दें लेकिन हाजीपुर की चिंता कैसे छोड़ सकते हैं. इस सीट से पासवान चुनाव लड़ें या उनके परिवार से कोई मैदान में आये, यहाँ से उनकी जीत बेहद जरुरी है.यह सीट उनकी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. यहाँ से चुनाव हारना उनकी पार्टी के लिए सबसे बड़ा झटका होगा.यहीं वजह है कि उपेन्द्र कुशवाहा पिछले सप्ताह रामविलास पासवान से मिलकर उनको NDA में बने रहने की अहमियत से अवगत कर चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पासवान खुद कुशवाहा को NDA में बनाए रखने की पैरवी कर रहे हैं. पासवान ने BJP अध्यक्ष अमित शाह से भी टेलीफोन पर बातचीत कर उपेंद्र कुशवाहा को NDA में बनाए रखने का उपाय करने की सलाह दी है. पासवान ने शाह को समझाया है कि उपेंद्र कुशवाहा की कुशवाहा बिरादरी पर मजबूत पकड़ है. उनका महागठबंधन में जाना NDA की चुनावी गणित बिगाड़ सकता है.
सूत्रों के अनुसार BJP नेता पासवान को ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कुशवाहा अगर महागठबंधन के साथ चले गए तो भी उसकी क्षतिपूर्ति JDU से हो जायेगी. लेकिन पासवान कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. दरअसल, रामविलास पासवान जानते हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा के NDA से बाहर जाने का कोई फायदा उनकी पार्टी को नहीं मिलनेवाली. उनके हिस्से की सीटें BJP –JDU आपस में बाँट लेगीं. इसलिए वो हर किमर पर उपेन्द्र कुशवाहा को NDA के साथ बनाए रखना चाहते हैं.सूत्रों के अनुसार लालू यादव इसबार सबसे ज्यादा नाराज पासवान से हैं क्योंकि उन्होंने उन्हें राज्य सभा का संसद बनाया लेकिन वो चले गए NDA के साथ.लालू यादव पासवान और उनके भाई-बेटे को चुनाव हारने के लिए विशेष रणनीति बना रहे हैं.रामचंद्र पासवान को वो तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. चिराग पासवान के खिलाफ उदय नारायण चौधरी को लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं .
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