बिहार में ‘जाति की राजनीति’ साधने में जुटे दल.
'भीम चौपाल' के जरिए JDU लगा रही जोर, बीजेपी भी कर रही है दलितों को साधने की बड़ी तैयारी.
सिटी पोस्ट लाइव :लोक सभा चुनाव को देखते हुए सभी दलों ने जातीय समीकरण साधने की तैयारी शुरू कर दी है.JDU भीम चौपाल कार्यक्रम चला रही है तो अब बीजेपी भी पिछड़ा और अति-पिछड़ा समाज को साधने की तैयारी में जुट गई है.लोकसभा के पिछले चुनाव में बीजेपी को अति पिछड़ा वर्ग का भरपूर समर्थन मिला था. अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर पार्टी पहले से ही पकड़ बनाए हुए है.राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन इन दोनों वर्गों को पूर्णत: अपने पक्ष में करना चाह रहा है. ऐसे में विरोधियों की अपेक्षा बीजेपी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) के बहाने दलितों और पुछादों को साधने के लिए विशेष तैयारी कर रही है.
इसी रणनीति के तहत लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान व विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी को जेड व वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई है.वर्ग विशेष के मतदाताओं में चिराग व मुकेश की ठीकठाक पैठ है.बीजेपी को इनसे लाभ की उम्मीद है.बिहार में अनुसूचित जाति से अभी बीजेपी के एक सांसद, दो विधान पार्षद के साथ नौ विधायक हैं.बीजेपी का प्रयास राज्य में अनुसूचित जाति की 23 उप जातियों को साधने का है.
विधानसभा में संख्या के लिहाज से वर्ष 2020 के चुनाव में इस समुदाय से सर्वाधिक विधायक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से चुने गए।हालांकि, बोचहां विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में बीजेपी की हार के बाद RJD का पलड़ा भारी हो गया है.बिहार विधानसभा में अनुसूचित जाति के 38 विधायक हैं, जिनमें से 10 RJD के हैं. राज्य में अनुसूचित जाति के कुछ चार विधान पार्षद हैं और सांसद छह।समुदाय विशेष के सर्वाधिक तीन सांसद लोजपा के हैं, जो बीजेपी के साथ है.
राज्यपाल की नियुक्ति को जाति-समुदाय के हित से जोड़कर संदेश देने की तैयारी चल रही है.JDU भी हर पंचायत में ‘भीम चौपाल’ के जरिए अनुसूचित जाति के मतदाताओं को साधने की जुगत में लग गया है.पार्टी में इस वर्ग के नेताओं को भीम चौपाल के आयोजन व अध्यक्षता का दायित्व दिया गया है. 25 फरवरी से गांव-टोले में सरकार की योजनाओं एवं बाबा साहेब के संदेश को पहुंचाने का अभियान चल रहा है.हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी सत्ता में साझीदार हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व महागठबंधन को अनुसूचित जाति का बड़ा पक्षधर बता रहे हैं.मुसहर समुदाय से आने वाले मांझी का मगध परिक्षेत्र में समाज विशेष पर अपना प्रभाव है.
बाबा साहेब की जयंती पर अनुसूचित जाति की बस्तियों में JDU समारोह का आयोजन भी करेगा.अनुसूचित जाति के जिन युवकों-युवतियों को नौकरी मिली है, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिला है, जो अच्छे अंक से उत्तीर्ण हुए हैं या जिनका किसी संस्थान में नामांकन हुआ है, उन्हें या उनके अभिभावक को सम्मानित करने की भी पार्टी की योजना है.राज्यपाल के रूप में राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के शपथ ग्रहण समारोह तत्काल बाद ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने इंटरनेट मीडिया के जरिए आर्लेकर के रविदास समाज से होने की सूचना प्रसारित कर बड़ा संदेश दिया था.इससे पहले रविदास समाज के व्यक्ति को वर्ष 1979 में महत्वपूर्ण पद मिला था, तब सोनपुर से विधायक चुने गए इस समाज के रामसुंदर दास मुख्यमंत्री बने थे.
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