सिटी पोस्ट लाइव : चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्री बनाने की चर्चा के बाद उनके चाचा केंद्र में मंत्री पशुपति परस की बेचैनी बढ़ गई है. केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस की पार्टी ने चिराग पासवान पर बड़े आरोप लगाए हैं. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में अगर चिराग ने लोजपा को अकेले मैदान में उतारने का फैसला नहीं लिया होता तो रिजल्ट कुछ और ही होता. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होती और जदयू को साथ लिए बगैर राज्य में सरकार बना पाती.
पशुपति पारस नहीं चाहते कि चिराग पासवान की NDA में इंट्री हो क्योंकि उन्हें पता है कि उनके NDA से बाहर होने के बाद ही ऐसा हो पायेगा.कम से कम मंत्रिमंडल से तो विदा होना ही पड़ेगा.लेकिन चिराग के ऊपर हमला करने के चक्कर में पारस खेमे ने गलती कर दी है.राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल के ब्यान से तो यहीं लगता है कि चिराग पासवान की राजनीतिक हैसियत बिहार में कायम है.वो बीजेपी को सत्ता में आने से रोक सकते हैं.नीतीश कुमार भी विधान सभा चुनाव में अपनी हर की वजह चिराग को ही मानते हैं.जाहिर है चिराग बीजेपी के लिए अहम् हैं.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल कहते हैं कि पहले ये जान लेना चाहिए कि शर्तों के आधार पर राजनीति नहीं होती है. चिराग ने तो खुद को बिहार का भावी मुख्यमंत्री घोषित कर रखा है तो वो केंद्र में मंत्री कहां बनेंगे? चिराग पासवान तो पहले अपनी सदस्यता को बचाएं. क्योंकि पार्टी के बंटवारे से पहले लोजपा की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को जो लेटर लिखा गया था, उसमें स्पष्ट किया गया था कि संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस हैं.चिराग पासवान को संसदीय दल से हटाया नहीं गया था. NDA के पक्ष में अगर पार्टी कोई व्हिप जारी करती है और चिराग उसके विरोध में जाते हैं तो उनकी सदस्यता चली जाएगी.
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