सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस आलाकमान अबतक बिहार प्रदेश कांग्रेस क्यों तय नहीं कर पा रही है? इस सवाल का जबाब अब मिल गया है. दरअसल, कांग्रेस आलाकमान पार्टी का नेत्रित्व किसी ऐसे ओबीसी नेता के हाथ में सौंपना चाहती है जिसमे पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा करने का दमखम हो. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी की नजर जाप पार्टी के संरक्षक, मधेपुरा सांसद पप्पू यादव पर है. पप्पू यादव के हाथ में कांग्रेस बिहार कांग्रेस की कमान दे सकती है. पप्पू यादव के अनुसार कांग्रेस के बड़े नेता लगातार उनके संपर्क में हैं. उनकी पत्नी कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन के साथ कांग्रेस नेताओं की बातचीत लगातार चल रही है. फैसला कांग्रेस को ही लेना है. पप्पू यादव कांग्रेस को आगे बढाने की जिम्मेवारी लेने को तैयार दिख रहे हैं.
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस एक बहुत बड़ी पार्टी है. राष्ट्रिय पार्टी है. उसने देश पर छप्पन सालों तक राज किया है. राहुल गांधी एक राजा की तरह हैं और पप्पू यादव एक रंक है. राजा का जो भी आदेश होगा, उसका ये रैंक पालन करेगा. जाहिर है पप्पू यादव कांग्रेस में जाना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार इसके लिए कांग्रेस तैयार भी है. लेकिन बात अटकी है जिम्मेवारी को लेकर. पप्पू यादव खुद अपनी पार्टी चला रहे हैं. वो एक आम नेता की तरह तो कांग्रेस में शामिल होगें नहीं. वो चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस की कमान मिले . पप्पू यादव को राहुल गांधी फैसला के फैसले का इंतज़ार है.
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गौरतलब है कि अशोक चौधरी के कांग्रेस से जेडीयू में जाने के बाद से ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है. कौकब कादरी बतौर प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष पार्टी को संभाल रहे हैं. अध्यक्ष पद की रेस में पार्टी के कई नेता हैं. अखिलेश सिंह, शकील अहमद और प्रेमचंद मिश्र अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हैं. लेकिन आजतक राहुल गांधी ये फैसला नहीं ले पाए हैं कि किसे पार्टी की कमान सौंपी जाए. लेकिन अब ये बात सामने आ रही है कि फैसला नहीं ले पाने की वजह पप्पू यादव हैं .
पप्पू यादव अध्यक्ष पद से कम पर कांग्रेस में जाने को तैयार नहीं हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या लालू यादव परिवार से छतीस का रिशा रखनेवाले पप्पू यादव को राहुल गांधी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंप पायेगें? गौरतलब है कि जब से बिहार में आरजेडी के साथ कांग्रेस है तब से लालू यादव की सलाह से ही कांग्रेस अपना अध्यक्ष चुनती रही है. अगर कांग्रेस पप्पू यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो उसके लिए बिहार में एक नयी शुरुवात होगी.
भारत बंद में भी पप्पू यादव कांग्रेस के आग्रह पर ही शामिल हुए थे. भारत बंद के दौरान उनकी पार्टी ने अहम्व भूमिका निभाई थी. पप्पू यादव किसी न किसी बहाने कांग्रेस के साथ हमेशा खड़े दीखते रहे हैं. अब जब उन्होंने खुद ये खुलासा कर दिया है कि राहुल गांधी का हर फैसला उनके लिए मान्य होगा , गेंद कांग्रेस के पाले में फेंक दिया है.
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