सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लोगों का जीवन संकट में है.पटना डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिखा है.उस पत्र में डीएम ने विशेषज्ञ समूह से तीन मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन ऑडिट कराये जाने की मांग की है.डीएम चंद्रशेखर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि जिले में ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता 7 हजार सिलिंडर की है उनमें से 3 हजार सिलिंडर यही तीनों अस्पताल डिमांड कर रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञों से ऑडिट कराना जरूरी है.
जिलाधिकारी ने स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि पटना जिले में कोरोना का संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है .कोविड का इलाज सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में किया जा रहा है. इसके लिए ऑक्सीजन की मांग की जा रही है .सीमित संसाधनों के बावजूद ऑक्सीजन की आपूर्ति यथासंभव किया जा रहा है. पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस के द्वारा 1-1 हजार जम्बो मेडिकल सिलेंडर की मांग की जा रही है. जिसमें से अभी पीएमसीएच को एक हजार, एनएमसीएच को एक हजार तथा आईजीआईएमएस को 600 यानी कि इन तीनों संस्थानों को 2600 सिलेंडर प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है .इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में कुल मिलाकर 700 से 800 बेड कोविड के लिए आरक्षित है.
दूसरी तरफ 90 निजी अस्पतालों में भी लगभग 2000 कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इनकी मांग भी लगभग 4000 सिलेंडर प्रतिदिन की है. जिले में उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता ही 7000 सिलेंडर प्रतिदिन की है. जिला, अनुमंडल एवं डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर की मांग को जोड़ने के बाद तथा गैर कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई शामिल करने के बाद ऑक्सीजन की कुल मांग की तुलना में उपलब्धता काफी कम है.
डीएम ने अफने पत्र में कहा है कि उद्योग विभाग से प्रतिदिन 1770 अतिरिक्त सिलेंडर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने का अनुरोध भी स्वास्थ्य विभाग से किया गया है.परंतु उपाय होने तक उपलब्ध ऑक्सीजन का अधिकतम कुशलता के साथ उपयोग किया जाना तथा सरकारी मेडिकल कॉलेजों की मांग एवं वास्तविक आवश्यकता का आकलन किया जाना अत्यंत आवश्यक है. लिहाजा सरकारी मेडिकल कॉलेजों पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस में ऑक्सीजन के कुल मांग, वास्तविक आवश्यकता एवं उपलब्ध ऑक्सीजन का अधिकतम कुशलता उपयोग हेतु तकनीकी विशेषज्ञ समूह से यथाशीघ्र ऑक्सीजन ऑडिट कराने की कृपा की जाए .ताकि उपलब्ध सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके.
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