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ममता की मेगा रैली में पहुंचे विपक्षी दिग्गज, मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल

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ममता की मेगा रैली में पहुंचे विपक्षी दिग्गज, मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल

सिटी पोस्ट लाइव : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में शनिवार को करीब 20 दलों के नेता कोलकाता में एक मंच पर दिखाई दिए। 41 साल बाद कोलकाता में विपक्ष का इतना बड़ा जमावड़ा लग रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावे पर कोलकाता में जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु की राजनीति को प्रभावित करने वाले लगभग सभी नेता एक साथ एक मंच पर बीजेपी के खिलाफ मौजूद हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनावों में बीजेपी 125 सीटों पर सिमट जाएगी। रैली को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक भी संस्थान नहीं बचा है, जिसे मोदी सरकार ने बर्बाद नहीं किया है।

बता दें कोलकाता में आयोजित ‘यूनाइटेड इंडिया’ रैली को संबोधित करते हुए कंग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आज 22 पार्टियों का इंद्रधनुष बना है। उन्होंने कहा कि रंग अलग होते हुए भी विपक्ष एक इंद्रधनुष है। उन्होंने मंच से नारा लगाया कि जनता की यही पुकार अब नहीं चाहिए मोदी सरकार। वहीँ रैली के संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि, वे लोग कहेंगे कि हम लोग यहां इकट्ठे हुए एक आदमी को हटाने के लिए, लेकिन हम यहां इकट्ठे हुए एक सोच, एक विचारधारा के विरोध में। पिछले 56 महीनों में देश में जो कुछ भी हुआ वह देश की लोकशाही के लिए खतरा है। ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं है जिसे इन्होंने बर्बाद करने की कोशिश नहीं की हो।

गौरतलब है कि ममता की इस रैली का सबसे बड़ा मकसद केंद्र से मोदी सरकार को हटाना है. इसके लिए सभी विपक्षी पार्टियों का जुटान कोलकाता में किया गया है. उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव के साथ साथ बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लेकर तमाम बड़े दिग्गज कोलकाता पहुंचे हैं.  यही नहीं भाजपा संसद शत्रुघ्न सिन्हा भी रैली में शामिल हुए. बता दें रैली आने के लिए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आमंत्रण भेजा गया था लेकिन उन्होंने रैली में शामिल नहीं होने का फैसला किया. वहीं राहुल गांधी भी इस रैली में शामिल होने से इंकार कर दिया था. माना जा रहा है कि इसकी वजह कांग्रेस की स्थानीय इकाई का स्टैंड है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में है. इसलिए स्थानीय इकाई नहीं चाहती थी कि कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा ममता के मंच पर दिखे.

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