लेटर वार से बिहार की सियासत में उबाल, अब तेजस्वी ने सीएम नीतीश को लिखी चिट्ठी
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार की सियासत में इन दिनों लेटर वार छिड़ा है जिसकी वजह से यहां की राजनीति में काफी उबाल है। सिलसिलेवार तरीके से कई पत्र लिखे गये हैं और हर पत्र से बिहार की राजनीति गरमायी है। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी है। तेजस्वी की इस चिटठी के बाद भी राजनीति में गर्माहट है। उन्होंने लिखा है कि आखिरी चरण का मतदान, फिर एनडीए होगा अंतर्ध्यान. तेजस्वी ने कहा कि लौटेगा सुख-चैन जब जलेगा लालटेन.हालांकि लोकतांत्रिक मूल्यों एवं जनादेश का अनादर कर जनता की नजरों में आप आदर-सम्मान खो चुके हैं.
जनता द्वारा जगह-जगह निरंतर आपका विरोध यह दर्शाता है कि आप जनता के लिए कितने अप्रिय हो गए हैं लेकिन मेरे लिए आप अब भी अतिप्रिय है. जनआक्रोश की पराकाष्ठा तो यह है कि बक्सर के नंदन गांव में महादलितों ने आप पर हमला तक कर दिया. जिसकी हमने कड़ी निंदा भी की और घटनास्थल का दौरा भी किया.हां, तो चाचा जी आप कह रहे थे कि मेरे पिता चाहे कितनी भी कोशिश कर लें जेल से बाहर नहीं आ सकते. आप उन्हें जेल से बाहर नहीं आने देंगे. आपके स्वयं को सर्वोच्च न्यायालय से भी सर्वोच्च समझ कर फैसला सुनाने के पीछे कौन सी नई साजिश है ये तो मुझे नहीं पता लेकिन बिहार की क्या विडंबना है ये मुझे पता है.नीतीश चाचा, ये आपके शासन की सबसे बड़ी विडंबना है कि गरीब-गुरबों और वंचितों की आवाज उठाने वाला आज जेल में बैठा है. और आप मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में मासूम बच्चियों के साथ हुए घिनौने काण्ड में संलिप्त अपने दुलारे, प्यारे और चेहते आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ केक काट रहे है.
वो आपकी चुनावी रैली का संचालन कर रहा होता है. बिहार जानता है धोखे से मतदाता का वोट हड़पने वाला चोर दरवाजे से आज बिहार की कुर्सी पर बैठा है और मतदाता को झूठे सपने दिखाकर उसका जीवन तबाह करने वाला आज देश की कुर्सी पर बैठा है.और हां, जिस बल्ब और सड़क की बात आप कर रहे है ना ये 2004 से 2014 यूपीए 1 और यूपीए 2 जिसमें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू जी रेलमंत्री, रघुवंश बाबू ग्रामीण विकास मंत्री और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने दलीय राजनीति से ऊपर उठकर बिहार के विकास कार्यों के लिए असीमित फंड दिलवाए तब जाकर बिहार को यह सब नसीब हुआ. और उनके इस असाधारण योगदान को आपने सदन से लेकर कई सार्वजनिक मंचो से स्वीकारा भी है.
इसमें आपका कितना योगदान रहा यह आप अपने दिल पर हाथ रखकर पूछिए? आप 1998 से लेकर 2004 तक केंद्र में कैबिनेट मंत्री रहे लेकिन बताए कितनी राशि बिहार के विकास कार्यों के लिए दिलवाई. अगर आपको यूपीए और एनडीए के कार्यकाल में बिहार को दी गई वित्तीय मदद पर कोई तुलनात्मक विमर्श और खुली बहस करनी हो तो मैं चुनौती के लिए तैयार हूं लेकिन आपसे आग्रह है जनता को झूठ बोल भ्रमित मत करिए.
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