अब राजद ने भी दिखाया कांग्रेस को आँख कहा हठधर्मिता छोड़े काँग्रेस, नहीं तो होगा नुकसान
अब राजद ने भी दिखाया काँग्रेस को आँख
सिटि पोस्ट लाईव – एक लंबा , पुराना और काफी भरोसेमंद संबंध रहा है राजद और काँग्रेस के बीच लेकिन लगता है अब वो पुरानी बात हो चुकी है जिस तरह से चुनावों से ठीक पहले महागठबंधन महाघट-बंधन मे परिवर्तित होता जा रहा है उससे तो यही लगता है की राजद का नया और युवा नेतृत्व अब अपनी जमीन अपना जनाधार किसी और के साथ साझा करने के लिए तैयार नहीं है । आज लंबे अरसे के बाद जब NOMINATION के लिए बस 1 दिन बचा है काँग्रेस को राजद द्वारा एक स्पष्ट संदेश दिया गया और यह भी स्पष्ट कर दिया गया की सीट बंटवारे में होने वाली देरी के लिए भी कांग्रेस ही जिम्मेदार है ।
आज राजद के लोकप्रिय राज्यसभा सांसद डॉ मनोज झा ने ये कह दिया की, इतने बड़े जनाधार के बावजूद राजद कई दलों को अपने साथ समायोजित कर रहा है। उन्होने यह भी कहा कि यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं बल्कि सरोकार बदलने का है। बड़े लक्ष्य के लिए कांग्रेस को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। कांग्रेस को जो संख्या बताई गई है वो पर्याप्त है। उन्होंने कांग्रेस से अपील के साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि एक ऐतिहासिक संदर्भ में दोनों दलों के रिश्तों को देखिए। हठधर्मिता में नुकसान ना हो जाए, हठधर्मिता गठबंधन पर भारी न पड़ जाए और हठधर्मिता से कहीं बदलाव का इंतजार कर रहे बिहार के लोगों को मायूसी ना हाथ लगे।
एक दौर वह था जब काँग्रेस राजद को निर्देशित करती थी , बिहार मे बड़े भाई की भूमिका मे तो राजद हमेशा से रही है लेकिन ये तेवर जो राजद आज काँग्रेस को दिखा रही है वह शायद काँग्रेस के लिए नया है और उसके घटते लोकप्रियता का शायद यह सूचक भी है ।
दरअसल राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की जो बातचीत चल रही थी, उसमें बात 73 सीटों तक पहुंच गई थी। कांग्रेसी मन में फूले नहीं समा रहे थे कि उन्हें इस बार 70 के करीब सीटें मिलने जा रही हैं। मगर बीते तीन दिनों में कई घटनाक्रम बदले। राजद ने जहां कांग्रेस को 58 सीटों पर सीमित करने का प्रयास किया है, वहीं चर्चा है कि इसमें भी एकाध छोटे दल को समायोजित करने का दबाव है। इसी बीच खबर है कि,बिहार कांग्रेस के नेताओं को नेतृत्व ने दिल्ली तलब कर लिया है।जानकारी के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा बुधवार को दिल्ली जाने वाले हैं।
दिल्ली में दोनों नेता स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में शामिल होंगे. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन करेंगे। बता दें कि आरजेडी ने कांग्रेस को दो टूक कह दिया है कि उसे 58 से अधिक सीटें नहीं दी जा सकती है। अगर इतना मंजूर नहीं है तो आगे का निर्णय के लिए वो स्वतंत्र हैं. कुशवाहा के जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से 80 सीटों पर दावेदारी की जा रही है। इतना तो तय है की यह राजद नई राजद है नए नेतृत्व वाली राजद है और पुराने सम्बन्धों को आधार मानकर या भावनाओ मे बहकर यह फैसला ले ऐसा तो अब प्रतीत नहीं होता है ।
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