सिटी पोस्ट लाइव :JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. गुरुवार को बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम वन प्रभाकर झा ने यह आदेश जारी किया. आरोपित पूर्व जदयू नेता शरद यादव वर्ष 2015 में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित थे. 21 मई 2019 को आत्मसमर्पण करने के बाद वे जमानत पर थे. मामला आरोप गठन के लिए लंबित चला आ रहा था. कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर जमानत रद्द करते हुए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है.
न्यायालय ने शरद यादव को कई बार समय दिया लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. 25 जनवरी 2021 को उपस्थित नहीं होने पर जज प्रभाकर झा ने एक हजार रुपए जुर्माना करते हुए फिर से समय दिया. इसके बावजूद वे न तो न्यायायल में उपस्थित हुए, न ही इनकी ओर से कोर्ट में किसी प्रकार की पैरवी की गयी. इस मामले में बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा ने बिहार थाने में शरद यादव के खिलाफ एफआईआर करायी थी. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान 28 दिसंबर 2015 को जमानत दी थी.
सहायक अभियोजन पदाधिकारी सुरुची कुमारी के अनुसार वर्ष 2015 में विधान सभा चुनाव के दौरान बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में भाषण के दौरान शरद यादव ने धार्मिक कटाक्ष किया था. उन्होंने भाषण के दौरान कहा था-‘अगर वादा पूरा नहीं करोगे, तो जो हिन्दू हैं स्वर्ग में नहीं जाएंगे और, जो मुस्लमान हैं वो अल्लाह के पास जन्नत में नहीं जाएंगे.’ इसी बात को लेकर उनपर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.
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