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नीतीश कुमार ने फिर दे दी है विशेष दर्जा की मांग को हवा, 15वें वित्त आयोग को दिया प्रजेंटेशन

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नीतीश कुमार ने फिर दे दी है विशेष दर्जा की मांग को हवा, 15वें वित्त आयोग को दिया प्रजेंटेशन

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एकबार फिर नीतीश कुमार ने तेज कर दी है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को 15वें वित्त आयोग के समक्ष रखा. इसका प्रजेंटेशन भी दिया गया. दरअसल 15वें वित्त आयोग की 21 सदस्यीय टीम बिहार के दौरे पर आयी है. बुधवार को पूरी टीम के साथ नीतीश कुमार की बैठक हुई. इसी में बिहार के विकास को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया.

वित् आयोग की इस बैठक में हार के विकास से जुड़ी अन्य योजनाओं को लेकर भी मांग उठी.. बैठक में सीएम के अलावा 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह भी मौजूद थे. पटना में वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह व उनकी टीम के साथ हुई बैठक में बिहार सरकार ने अपने प्रजेंटेशन में कई महत्वपूर्ण चीजों को रखा. इसमें सीएम नीतीश कुमार ने फिर से बिहार को स्पेशल स्टेटस दिए जाने की वकालत की. उन्होंने यह भी कहा कि स्पेशल स्टेटस का दर्जा दिए जाने वाली जो भी शर्तें हैं, उन शर्तों को वित्त आयोग फिर से देखे और उस पर गंभीरता से विचार करे.

नीतीश सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में यह भी कहा कि आयोग चाहे तो पिछड़े राज्यों को ग्रांट इन एड कंपोनेंट का विकल्प अपनाकर बिहार को अतिरिक्त सहायता दे सकता है. इसी कड़ी में बिहार की उन योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. वगैर अतिरिक्त सहायता के यह संभव नहीं है. बैठक में डिजास्टर मैनेजमेंट फंड पर भी चर्चा हुई. प्रजेंटेशन में कहा गया है कि  14वें वित्त आयोग ने रिस्क इंडेक्स को वैज्ञानिक तरीके से तय करने का वादा किया था  लेकिन इंडेक्स तय नहीं होने से बिहार को उचित सहायता केंद्र की ओर से नहीं मिल पा रही है.

प्रजेंटेशन में  टर्म ऑफ रेफरेंस में क्षमता संबंधी पात्रता को न्यायपूर्ण तरीके से लागू करने की मांग की गई है. राज्यों के लिए राशि हस्तांतरण  का मेकेनिज्म पारदर्शी बनाने तथा सभी राज्यों के लिए एक समान बनाने की मांग की गई है. कृषि रोड मैप, सात निश्चय, बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन, आर्कियोलॉजिकल साइट्स का संरक्षण, आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और उनका रखरखाव, कटाव निरोधी कार्यक्रम, मौसम परिवर्तन को केंद्र में रख चलने वाले कार्यक्रम, पिछड़े जिलों के विकास के लिए अतिरिक्त मदद, हायर सेकेंडरी स्कूलों का निर्माण, पंचायत सरकार भवन निर्माण, गरीबों के लिए आवास योजना, शेल्टर होम निर्माण आदि के लिए अतिरिक्त सहायता की मांग की गई है.

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