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गया से OTA के हटाने के केंद्र के फैसले से नीतीश नाराज, रक्षामंत्री को लिखा पत्र.

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गया से OTA के हटाने के केंद्र के फैसले से नीतीश नाराज, रक्षामंत्री को लिखा पत्र.

सिटी पोस्ट लाइव ; गया के सेना के OTA यानि अधिकारी प्रशिक्षण केंद्र के बंद किये जाने के केंद्र सरकार के फैसले से बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बेहद नाराज़ हैं.मुख्यमंत्री ने इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को पत्र लिख कर OTA को बंद नही करने का आग्रह किया है.मुख्यमंत्री ने कहा है कि OTA  गया के साथ साथ बिहार की ज़रूरत है. नीतीश कुमार के पत्र को लेकर बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है. गया में OTA यानी ऑफिसर्स ट्रेनिंग सेंटर बंद करने का मामला गर्माने लगा है.

“आदरणीय रक्षा मंत्री जी, मुझे मीडिया की ख़बरों से जानकारी मिली है की गया में OTA को बंद करने की बात चल रही है जो ठीक नही है. मैंने OTA को लेकर तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटोनी को भी पत्र लिख OTA बंद नहीं करने का आग्रह किया था. नीतीश कुमार ने पत्र में ये भी लिखा की गया पर्यटन के लिहाज़ से देश और दुनिया में अलग पहचान बनाता है. देश विदेश के पर्यटक गया और बोधगया आते हैं.  गया सामरिक दृष्टिकोण के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण जगह माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी गया में मौजूद है इसलिए भी गया में OTA का रहना ज़रूरी है. नीतीश कुमार ने पत्र में बात पर विशेष ज़ोर दिया है की रक्षा मंत्रालय का यह निर्णय बिहार के साथ नाइंसाफ़ी होगा”.

गौरतलब है कि गया स्थित ओटीए देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा कमिशन पूर्व प्रशिक्षण अकादमी है. 2011 में ही भारत सरकार ने यहां ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी शुरू करने का निर्णय लिया था यहां 750 कैडेट्स के प्रशिक्षण की क्षमता है.अभी यहां 250 कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहें हैं.इस ओटीए को बंद करने के बाद यहां के कैडेट्स को देहारदून स्थित आईएमए शिफ्ट कर दिया जायेगा.

नीतीश कुमार के लिखे पत्र ने बिहार की सियासत भी गर्मा दी है. नीतीश कुमार के लिखे पत्र ने बिहार में विरोधियों को मौक़ा दे दिया है. इस पत्र के बहाने डबल इंजन की दुहाई देकर चुटकी लेते हुए बिहार और केंद्र सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि OTA का मामला केंद्र और बिहार सरकार के अहं के टकराव की वजह से हो रहा है. सत्ताधारी दल जेडीयू और बीजेपी के नेता नीतीश के लिखे पत्र और OTA के मामले पर नीतीश कुमार के साथ साथ खड़े दिख रहे हैं.

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